नई दिल्ली : केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने मंगलवार को कहा कि भारत के स्मार्ट सिटी मिशन का एक प्रमुख घटक सभी 100 एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (ICCC) इस साल अगस्त तक चालू हो जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि भारत का स्मार्ट सिटी मिशन अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए कहा कि 100 आईसीसीसी में से 75 चालू हैं, शेष 25 परियोजनाओं के लिए काम प्रगति पर है.
अधिकारी ने कहा, 'इस साल अगस्त तक सभी सौ परियोजनाएं चालू हो जाएंगी.' स्मार्ट सिटी का एक अभिन्न और बहुत महत्वपूर्ण घटक होने के नाते, आईसीसीसी का उद्देश्य शहर की सुरक्षा और निगरानी का प्रबंधन करना है और साथ ही शहर के लिए स्मार्ट समाधान लाना है.
2015 में शुरू हुआ था मिशन
अधिकारी ने बताया कि अगले साल मार्च तक स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट पूरे कर लिए जाएंगे. भारत में शहरों को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन लागू किया था.
जनवरी 2016 में शुरू हुए चार दौर में चयन और चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से भारत भर के 100 शहरों को परियोजना के लिए चुना गया है. भारत की स्मार्ट सिटी परियोजना की वर्तमान स्थिति को बताते हुए, अधिकारी ने कहा कि 6721 परियोजनाओं के लिए कार्य निविदा जारी की गई है. निविदाओं की लागत 1,88,507 करोड़ रुपये है. अधिकारी ने कहा, 6,124 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं. इनकी लागत 1,62,988 करोड़ रुपये है.
पिछले साल एक थिंक-टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन ने रिपोर्ट में कहा था कि जब से 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन शुरू किया गया था, तब से मुश्किल से 47 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हुई हैं. तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों प्रगति अच्छी थी. दिल्ली और नागालैंड ने अपनी 70 प्रतिशत से अधिक परियोजनाओं को पूरा कर लिया है, जबकि राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने पिछले साल तक अपनी परियोजनाओं का 50-60 प्रतिशत पूरा कर लिया है.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, शहरी अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर केके पांडे ने उम्मीद जताई कि सरकार स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगले साल मार्च के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर सकती है. प्रोफेसर पांडे ने कहा, 'जैसा कि हम जानते हैं कि अधिकांश काम अंतिम चरण में हैं और अधिकांश निविदाएं भी जारी की गई हैं, उम्मीद है कि परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी.'
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उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड-19 महामारी के कारण, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए काम पिछले दो वर्षों से बाधित है. उन्होंने कहा कि अब सामान्य स्थिति में लौटने और कार्य प्रक्रिया गति प्राप्त करने के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि सभी शहर समय पर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.
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