राजकोट: शहर में बीती रात एक बड़ा हादसा हुआ. यहां भगवान गणेश पंडाल के पास जमा भीड़ के दबाव से जल निकासी लाइन का एक स्लैब गिर गया. पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया. कम से कम 10 से ज्यादा लोगों को इस घटना में चोटें आईं हैं. वहीं, एक महिला की मौत हो गई. इस घटना के बाद सर्वेश्वर चौक पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी. 10 से लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज किया जा रहा है
शहर के सर्वेश्वर चौक स्थित गणेश पंडाल में रविवार को बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े. तभी पुरानी बिल्डिंग के बगल का फुटपाथ का स्लैब अचानक ढह गया जिससे स्लैब पर खड़े लोग नाले में गिर गए. घटना की सूचना पाकर नगर निगम और अग्निशमन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. अधिकारी आई.वी. खेर ने कहा, 'हमने नाले से लगभग 10 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला है और उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.' इसके साथ ही मनपा के पदाधिकारी, भाजपा विधायक और सांसद सदस्य भी घटना स्थल पर पहुंचे. हालांकि, यह बात सामने आई है कि इस घटना में एक वृद्ध महिला की मौत हो गई.
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई: घटना के बाद मनपा ने जांच के आदेश भी दिए हैं. बताया जा रहा है कि स्लैब वर्षों पुराना था. गौरतलब है कि रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में लोग गणेश पंडाल में दर्शन के साथ सर्वेश्वर चौक पर नाश्ता करने आते हैं. तभी इस तरह की घटना घटी. इस संबंध में स्थायी समिति के अध्यक्ष जयमीन ठाकर ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष निगरानी रखी जाएगी.
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बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल आज राजकोट के जामकंडोरणा में जिले के विभिन्न सहकारी संगठनों की आम बैठक में शामिल होने वाले थे और माधापर चौकड़ी ब्रिज का उद्घाटन करना था. हालांकि सर्वेश्वर चौक की घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का राजकोट कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. कांग्रेस नेता गायत्री बा वाघेला ने बातचीत में कहा कि राजकोट शहर में 12 प्रमुख पैदल मार्ग और 28 छोटे मार्ग हैं जो शहर से होकर गुजरते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें भाजपा सरकार ने बेच दिया है. हमने पहले भी कहा था कि शहर के इन मार्गों पर अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाना चाहिए, लेकिन भाजपा शासित नगर निगम के पार्षद टस से मस नहीं हो रहे हैं. वहीं, कांग्रेस की मांग है कि घटना में जिन लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ है, उन्हें तुरंत मुआवजा दिया जाए और जिम्मेदार लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए.