श्रीनगर : एक फरवरी को उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में हिमस्खलन (avalanche) में दो पोलिश स्कीयर मारे गए थे, फिर भी, गुलमर्ग की बर्फ से ढकी चोटियां विदेशी स्कीयर और स्नोबोर्डर्स के लिए पसंदीदा स्थान बनी हुई हैं. कई विदेशी दल हर दिन घाटी का दौरा कर रहे हैं. (Skiers and snowboarders praise Gulmarg)
ईटीवी भारत ने इस संबंध में गुलमर्ग में तीन ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से बात की. एरियन (32), मार्क (33) और एडम (35) के रूप में अपना पर परिचय देने वाले इन तीनों ने बैककंट्री में स्नोबोर्डिंग के लिए सिडनी से गुलमर्ग तक की यात्रा की थी. एरियन पेशे से कारपेंटर हैं, मार्क आर्किटेक्ट हैं जबकि एडम बिल्डर हैं.
उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि गुलमर्ग के स्लोप सबसे अच्छे हैं. हमें यहां केवल दो घंटे हुए हैं और हम खुद को रोक नहीं सके. जहां तक दुर्घटना की बात है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
उन्होंने कहा कि हालाकि ऑस्ट्रेलिया में स्केटबोर्डिंग और सर्फिंग के लिए बहुत गुंजाइश है लेकिन स्नोबोर्डिंग के लिए ऐसा कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. कल हम अपने बोर्डों के साथ बैककंट्री जाएंगे.
खतरों और आशंकाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'जो लोग बोर्डिंग या स्कीइंग के लिए यहां आते हैं वे अच्छी तरह जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और खतरों का सामना कैसे करना है. हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट और समुद्र तट हैं लेकिन बर्फ के खेल नहीं हैं, इसलिए यहां आना होगा. यूरोप जाना काफी महंगा है. हालांकि यह हमारी पहली यात्रा है, लेकिन यहां का माहौल देखकर लगता है कि हमें हर दो साल में एक बार यहां आना चाहिए.'
उन्होंने खेलो इंडिया विंटर गेम्स के आयोजकों की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि जब आपका प्रशासन आपको ऐसा मंच प्रदान कर रहा है तो आपको इसका लाभ उठाना चाहिए. ऐसे आयोजनों से खिलाड़ी न सिर्फ अपना करियर बना सकते हैं बल्कि देश का नाम भी रोशन कर सकते हैं.
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