देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) में एसआईटी की जांच अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी हैं. एसआईटी जल्द ही करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश करने वाली (chargesheet in Ankita Bhandari murder) है. वहीं, एसआईटी को 4 एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) रिपोर्ट मिल चुकी हैं, जिन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, इस 500 पन्नों की चार्जशीट में करीब 30 गवाहों के बयान होंगे. वहीं, केस और मजबूत करने के लिए देहरादून FSL और चंडीगढ़ CFSL लैब के 4 सैंपलों की प्रिमिनली रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं. हालांकि, अभी डीएनए, बिसरा और कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे महत्वपूर्ण सैंपलों की FSL रिपोर्ट आना बाकी है.
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वहीं, इस मामले में 30 से अधिक गवाह कोर्ट में दाखिल किए जाएंगे (SIT will file chargesheet). इनमें से 6 मुख्य गवाहों के पहले ही 164 के बयान कोर्ट में दर्ज कराए जा चुके हैं. अभी तक जो भी साइंटिफिक इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस प्रारंभिक तौर पर कोर्ट में जमा हुए हैं, वह अदालत के अनुमति के बाद ही खोले जाएंगे.
फास्ट ट्रैक कोर्ट का रास्त लगभग साफ: राज्य सरकार ने अंकिता हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में अपील है. पुलिस को उम्मीद है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने को मंजूरी दे देगा.
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उत्तराखंड पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि जल्द ही जांच प्रक्रिया को पूरा कर एसआईटी कोटद्वार कोर्ट में में चार्जशीट दाखिल करेगी. हाईकोर्ट के निर्देश पर फास्ट ट्रैक कोर्ट पौड़ी गढ़वाल मुख्यालय में रिमांड जिला सेशन कोर्ट में जाएगी, जहां रोजना सुनवाई की जा सकेगी.
एसडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि जांच अंतिम चरण में है. हत्या का मोटिव पहले ही साफ हो चुका है. आरोपियों को सजा दिलाने के लिए एसआईटी के पास पुख्ता सबूत है. अगले 10 दिनों के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा सकती है.
क्या है मामला: बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.
पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिसॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिसॉर्ट से बाहर ले गया और ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.
पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद है.