लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने Alt न्यूज के सह संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के मामले की जांच SIT से करवाने का फैसला किया है. इसको लेकर गृह विभाग ने मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिया है. गृह विभाग ने आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है, जो जुबैर से जुड़े मामलों की जांच करेगी. योगी सरकार ने SIT का गठन उस समय किया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपी मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है.
गृह विभाग ने जारी आदेश करते हुए कहा है कि जुबैर से जुड़े मामलों की जांच में दो आईपीएस अधिकारियों वाली SIT का गठन किया है. इसमें आईजी कारागार प्रीतिंदर सिंह अध्यक्ष व डीआईजी एसआईटी अमित वर्मा को सदस्य बनाया है. ये दोनों अधिकारी मोहम्मद जुबैर से जुड़े सभी मामलों की जांच करेगी. गृह विभाग ने SIT अध्यक्ष को कमेटी में अन्य सदस्यों को नामित करने की शक्ति प्रदान किया है. कहा है कि वो अपने स्तर पर इंस्पेक्टर, डिप्टी एसपी या एएसपी को अपने साथ SIT में रख सकते है. साथ ही सीतापुर, हाथरस, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर की स्थानीय पुलिस की भी सहायता ले सकते हैं.
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जुबैर के खिलाफ राज्य भर में सीतापुर, लखीमपुर, हाथरस और मुजफ्फरनगर में पुलिस मामले दर्ज हैं. दिल्ली पुलिस ने 27 जून को जुबैर को एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के नए प्रावधान लागू किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में बंद ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज एक मामले में उनकी अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है. हालांकि, कोर्ट की राहत केवल सीतापुर मामले तक ही सीमित है. दिल्ली और लखीमपुर में दर्ज मामलों में जुबैर के खिलाफ कार्रवाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.