नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने हाथरस जाने के दौरान गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को अपनी बीमार मां से मिलने की अपील पर केरल जाने के लिए पांच दिन की जमानत दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि सिद्दीक कप्पन अपनी केरल यात्रा के दौरान कोई साक्षात्कार नहीं देंगे और न ही सोशल मीडिया पर कुछ कहेंगे.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान कप्पन सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई साक्षात्कार नहीं देंगे.
पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन भी थे. पीठ ने कहा कि कप्पन अपने परिजन और संबंधित डॉक्टरों के अलावा किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलेंगे.
सिद्दीक कप्पन के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों की एक टीम भी जाएगी और केरल पुलिस उनके साथ सहयोग करेगी.
कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था. हाथरस में एक दलित युवती से चार सवर्णों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.
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प्रशासन ने कथित रूप से अभिभावकों की सहमति के बिना ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी.
पुलिस ने कहा था कि उसने चार लोगों को मथुरा में पीएफआई के साथ कथित जुड़ाव के आरोप में गिरफ्तार किया और चारों की पहचान केरल के मालप्पुरम के सिद्दीक कप्पन, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के अतीक-उर-रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के तौर पर हुई है.
12 जनवरी को कप्पन के परिवार राज्य सचिवालय के सामने रिहाई की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन भी किया था. सरकार से रिहाई कराने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी. कप्पन की पत्नी रेहनात सिद्दीकी (Raihanath Siddique) अपने तीन बच्चों के साथ धरने पर बैठ गई थीं.