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हाथरस में दंगा फैलाने के लिए सिद्दीक कप्पन ने जिसे भेजा था कोड वर्ड, उसे STF ने केरल से किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती की गैंग रेप के बाद हत्या के मामले (Hathras Gang Rape Murder Case) को लेकर वहां दंगा फैलाने की साजिश में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने केरल के मल्लापुरम जिले के मेलाटूर से कमाल केपी को गिरफ्तार किया है. कमाल केपी PFI का सदस्य रहा है.

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Published : Mar 3, 2023, 4:21 PM IST

Updated : Mar 3, 2023, 4:54 PM IST

लखनऊ: हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को हथियार बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के केस में यूपी एसटीएफ ने केरल से एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया है. हाल ही में जमानत पर छूटे सिद्दीक कप्पन ने गिरफ्तार किए गए कमाल केपी को दंगा भड़काने के लिए कोड वर्ड में मैसेज भेज कर मीटिंग बुलाने के लिए कहा था.

एसटीएफ ने यह गिरफ्तारी तब की है जब गुरुवार को हाथरस कोर्ट ने एक आरोपी को सजा सुनाते हुए तीन अन्य को बरी कर दिया है. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पांच अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा के पास से सिद्दीक कप्पन को हाथरस में जातीय हिंसा फैला कर दंगा भड़काने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान सिद्दीक कप्पन के मोबाइल डेटा से एक वाइस नोट रिकवर किया गया था, जो प्रतिबंधित संगठन PFI के शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल कमाल केपी को भेजा गया था.

इस वाइस नोट में कोड वर्ड यूज किया गया था, जिसे डिकोड करने पर सामने आया था कि कोड वर्ड का प्रयोग करके सीक्रेट मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें दंगा भड़काने का षड्यंत्र रचा गया था. एडीजी के मुताबिक, कमाल केपी विस्फोटक पदार्थों के साथ लखनऊ में पकड़े गए हिट स्क्वायड के सदस्य बदरद्दीन से भी कनेक्टेड था. कमाल पर पुलिस ने 25000 रुपए का इनाम घोषित कर रखा था, जिसे शुक्रवार को केरल के मल्लापुरम जिले के मेलाटूर से गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल, 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी पुलिस ने कहा था कि सिद्दीक कप्पन का पीएफआई से कनेक्शन है और चारों आरोपी हाथरस में हिंसा फैलाने की प्लानिंग में जा रहे थे. इसके बाद 23 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत दी थी और हाल ही में वो लखनऊ जेल से छूटे थे. फिलहाल कोर्ट ने उन्हें अगले छह महीने तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं.

क्या था मामला
सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को यूपी पुलिस ने 5 अक्टूबर 2020 में मथुरा से गिरफ्तार किया था. पुलिस का उस वक्त कहना था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हैं और हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने के लिए जा रहे थे. वहीं, कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे. कप्पन आईपीसी की धारा 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना ), 124ए (देशद्रोह), 120बी ( साजिश), यूएपीए के तहत जेल में बंद थे.

ये भी पढ़ेंः Hathras Case : दलित युवती से रेप के मामले में तीन आराेपी जेल से रिहा, कल काेर्ट ने किया था बरी

लखनऊ: हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को हथियार बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के केस में यूपी एसटीएफ ने केरल से एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया है. हाल ही में जमानत पर छूटे सिद्दीक कप्पन ने गिरफ्तार किए गए कमाल केपी को दंगा भड़काने के लिए कोड वर्ड में मैसेज भेज कर मीटिंग बुलाने के लिए कहा था.

एसटीएफ ने यह गिरफ्तारी तब की है जब गुरुवार को हाथरस कोर्ट ने एक आरोपी को सजा सुनाते हुए तीन अन्य को बरी कर दिया है. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पांच अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा के पास से सिद्दीक कप्पन को हाथरस में जातीय हिंसा फैला कर दंगा भड़काने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान सिद्दीक कप्पन के मोबाइल डेटा से एक वाइस नोट रिकवर किया गया था, जो प्रतिबंधित संगठन PFI के शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल कमाल केपी को भेजा गया था.

इस वाइस नोट में कोड वर्ड यूज किया गया था, जिसे डिकोड करने पर सामने आया था कि कोड वर्ड का प्रयोग करके सीक्रेट मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें दंगा भड़काने का षड्यंत्र रचा गया था. एडीजी के मुताबिक, कमाल केपी विस्फोटक पदार्थों के साथ लखनऊ में पकड़े गए हिट स्क्वायड के सदस्य बदरद्दीन से भी कनेक्टेड था. कमाल पर पुलिस ने 25000 रुपए का इनाम घोषित कर रखा था, जिसे शुक्रवार को केरल के मल्लापुरम जिले के मेलाटूर से गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल, 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी पुलिस ने कहा था कि सिद्दीक कप्पन का पीएफआई से कनेक्शन है और चारों आरोपी हाथरस में हिंसा फैलाने की प्लानिंग में जा रहे थे. इसके बाद 23 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत दी थी और हाल ही में वो लखनऊ जेल से छूटे थे. फिलहाल कोर्ट ने उन्हें अगले छह महीने तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं.

क्या था मामला
सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को यूपी पुलिस ने 5 अक्टूबर 2020 में मथुरा से गिरफ्तार किया था. पुलिस का उस वक्त कहना था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हैं और हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने के लिए जा रहे थे. वहीं, कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे. कप्पन आईपीसी की धारा 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना ), 124ए (देशद्रोह), 120बी ( साजिश), यूएपीए के तहत जेल में बंद थे.

ये भी पढ़ेंः Hathras Case : दलित युवती से रेप के मामले में तीन आराेपी जेल से रिहा, कल काेर्ट ने किया था बरी

Last Updated : Mar 3, 2023, 4:54 PM IST
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