जम्मू : विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को रियासी जिसे के कई स्थानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने शनिवार को बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कुछ लोग जिले में खत्म हो चुके आतंकी संगठनों को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर एसआईए ने रियासी के ऊपरी इलाकों में तलाशी ली. यह तलाशी जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा एसआईए के जांचकर्ताओं ने ली.
जानकारी के मुताबिक, एसआईए की टीम पौनी और माहौर तहसीलों में खुफिया रिपोर्टों के आधार पर की गई थी. एसआईए को मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ता (ओजीडब्ल्यू) राष्ट्र-विरोधी तत्वों को सहायता और जानकारी प्रदान कर रहे थे. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और कई दस्तावेज जब्त किए गए. पुलिस अधिकारी ने कहा कि रियासी को एक दशक से भी अधिक समय पहले आतंकवाद से मुक्त कर दिया गया था.
लेकिन कथित तौर पर पिछले कुछ समय से ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों की गतिविधि देखी जा रही है. इस साल राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 25 से अधिक आतंकवादी मारे गए. 4 सितंबर को रियासी जिले के चसाना इलाके के गली सोहब गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया. जबकि एक अन्य आतंकवादी भागने में सफल रहा.
अधिकारी ने बताया कि शनिवार को एसआईए ने एक अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किया और एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में छापेमारी की. बता दें कि एसआईए पहले से ही पिछले साल गिरफ्तार किए गए दो आतंकवादियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि दो आतंकवादियों, राजौरी के तालिब हुसैन शाह और पुलवामा के उनके कश्मीरी सहयोगी फैसल अहमद डार को जुलाई में रियासी के सुदूर टक्सन ढोक के ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया था.
उनके पास से दो एके असॉल्ट राइफलें, एक पिस्तौल, सात ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था. शुरू में रियासी के महोरे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया मामला एसआईए जम्मू को स्थानांतरित कर दिया गया. जिसने पिछले साल दिसंबर में शाह सहित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
अपने आरोप पत्र में, एसआईए ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि मोहम्मद कासिम और जिया-उल-रहमान पहले पाकिस्तान में घुसपैठ कर चुके थे और शाह और उसके सहयोगियों द्वारा एकत्र किए गए हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे थे. जांच से यह भी पता चला है कि अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देश पर, शाह ने जम्मू क्षेत्र के चिनाब घाटी और पीर पंजाल इलाकों में आतंक को पुनर्जीवित करने के लिए कई स्थानीय युवाओं की भर्ती की थी.
(पीटीआई)