कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Leader of Opposition Shubhendu Adhikari) ने बुधवार को इस साल हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित (Assembly election results declared) होने के बाद हिंसा (Violence after assembly elections) में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, राज्य में गत दो महीने में जो भी कुछ हुआ है, उसने वर्ष 1946 में कलकत्ता में हुई हिंसा की घटना को भी पीछे छोड़ दिया है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुताबिक, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने यह कथित हिंसा की है. अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में ममता बनर्जी के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांच मई से अब तक तृणमूल कांग्रेस के कथित 'गुंडों' द्वारा कम से कम 30 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने चुनाव बाद हिंसा पर तैयार रिपोर्ट में, जो टिप्पणी की है उसने 'दुनिया को हिला दिया' है.
अधिकारी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि एनएचआरसी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद न्यायपालिका कार्रवाई करेगी. हालांकि, यह रिपोर्ट घटना के छोटे हिस्से को उजागर करती है, लेकिन ऐसी रिपोर्ट किसी भी समझदार व्यक्ति को शर्मसार कर देगी.
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उन्होंने कहा, बंगाल में गत दो महीने में जो कुछ भी हुआ है, उसने 1946 के कलकत्ता हत्याकांड, नोआखली दंगे और सिखों की हत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया है. अधिकारी ने यह बात तब कही जब भाजपा हिंसा में कथित तौर पर मारे गए अपने कार्यकर्ताओं की याद में 'शहीद श्रद्धांजलि दिवस' मना रही है.
संयोगवश, तृणमूल कांग्रेस भी बुधवार को वार्षिक 'शहीद दिवस' मना रही है, जिसके तहत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डिजिटल माध्यम से लोगों को संबोधित किया.
कोलकाता में 1993 में आज के दिन तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ रैली में जमा हुए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गयी थी. बनर्जी उस समय कांग्रेस में थीं. उन 13 कार्यकर्ताओं की याद में तृणमूल कांग्रेस हर साल आज के दिन शहीद दिवस मनाती है.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि गत कुछ सालों में कम से कम 175 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं. नंदीग्राम से विधायक अधिकारी ने कहा, तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि राज्य पुलिस द्वारा उकसाए गए ऐसे हमलों से भाजपा का राज्य में सफाया हो जाएगा, लेकिन वे गलतफहमी में हैं.
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उन्होंने बताया कि भाजपा ने 25 हजार बेघर कार्यकर्ताओं, समर्थकों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षित घर बनाया है. भाजपा के विधायक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, वह भवानीपुर से नंदीग्राम चुनाव लड़ने आई थीं. जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद वह विधानसभा के लिए चुने जाने को लेकर उतावली हैं न कि कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए.
उन्होंने कहा, नयी परिपाटी शुरू की गई है, गैर विधायक मुख्यमंत्री राज्य में राज कर रही हैं. निश्चित तौर पर हम एक दिन इस सरकार को सत्ता से बाहर करेंगे. हमारी संख्या विधानसभा में तीन से बढ़कर 77 हो गई है.
अधिकारी ने जानना चाहा कि क्यों 'सत्तारूढ़ दल लंबे समय से लंबित नगर निकाय चुनाव कराने को उत्सुक नहीं है.' उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 संबंधी पांबदियां केवल राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाजाही पर ही लागू होती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गत कुछ हफ्तों में ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में 'कम से कम 1000 रैलियां की हैं.'
पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर मुख्यमंत्री की कथित चुप्पी की आलोचना करते हुए भाजपा की एक अन्य विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, सब कुछ होने के बावजूद हमारी महिला मुख्यमंत्री चुप हैं.
(भाषा)