ETV Bharat / bharat

सीबीआई को नहीं ट्रांसफर होगा श्रद्धा मर्डर केस, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका - श्रद्धा हत्याकांड मामले जांच

श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha murder case) की जांच CBI से कराने की मांग करने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया है.कोर्ट का कहना है कि हमें इस दलील पर विचार करने का एक भी अच्छा कारण नहीं मिला.

श्रद्धा हत्याकांड
श्रद्धा हत्याकांड
author img

By

Published : Nov 22, 2022, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या (Shraddha murder case) के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ जांच CBI नहीं करेगी. इसकी मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को मंगवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिका दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में कार्यरत अधिवक्ता जोशिनी टुली ने दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा किस आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल कर रही हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाते हुए मामले को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच कर रही थी.

याचिका में दावा किया गया था कि दिल्ली पुलिस ने मीडिया के माध्यम से जनता के सामने जांच और सूत्र एवं संवेदनशील विवरण का खुलासा किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि मीडिया घटना के तह तक पहुंच गया था. अब इससे अधिक जानकारी क्या साझा की जाएगी. इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि जांच 80 फीसद तक पूरी हो चुकी है. पुलिस पीड़ित परिवार के संपर्क में है और पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की आशंका या समस्या नहीं है.

याचिका में कहा गया है, "अब तक दिल्ली पुलिस के थाने महरौली ने अपनी जांच के हर चरण के बारे में मीडिया और सार्वजनिक लोगों के सामने हर विवरण का खुलासा किया है, जिसकी कानून के अनुसार अनुमति नहीं है." इसके अलावा तर्क दिया गया है कि बरामदगी के स्थान पर अदालती सुनवाई आदि में मीडिया और अन्य सार्वजनिक व्यक्तियों की उपस्थिति वर्तमान मामले में सबूतों और गवाहों के साथ हस्तक्षेप करने के बराबर है. पीएस महरौली प्रशासनिक/स्टाफ की कमी के साथ-साथ सबूतों और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त तकनीकी और वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण कुशलतापूर्वक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि घटना मई, 2022 में लगभग 6 महीने पहले हुई थी."

ये भी पढ़ें : श्रद्धा हत्याकांड : साकेत कोर्ट ने आफताब अमीन की पुलिस रिमांड 4 दिन और बढ़ाई

आगे कहा गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा मीडिया को दिए गए बयानों के अनुसार, जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी को पांच अलग-अलग राज्यों में ले जाया जाएगा. इसलिए, मामला "अंतर-राज्यीय" था और दिल्ली पुलिस के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से परे था, वकील ने दावा किया. इस मर्डर केस में एक जोड़ा शामिल है, जो कथित तौर पर डेटिंग ऐप बम्बल पर मिले थे और बाद में लिव-इन रिलेशनशिप में आ गए. इस साल की शुरुआत में दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले वे शुरुआत में मुंबई से बाहर थे. पुलिस के मुताबिक, इस साल 18 मई को महरौली में एक किराए के फ्लैट में दंपति के बीच झगड़े के बाद आरोपी ने पीड़िता का गला घोंट दिया, उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, उसे फ्रिज में रख दिया और बाद में अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया.

ये भी पढ़ें : सत्येंद्र जैन को रेपिस्ट दे रहे मसाज, दिल्ली लंदन बनी नहीं, तिहाड़ बना थाईलैंड: शहजाद पूनावाला

नई दिल्ली : लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या (Shraddha murder case) के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ जांच CBI नहीं करेगी. इसकी मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को मंगवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिका दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में कार्यरत अधिवक्ता जोशिनी टुली ने दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा किस आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल कर रही हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाते हुए मामले को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच कर रही थी.

याचिका में दावा किया गया था कि दिल्ली पुलिस ने मीडिया के माध्यम से जनता के सामने जांच और सूत्र एवं संवेदनशील विवरण का खुलासा किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि मीडिया घटना के तह तक पहुंच गया था. अब इससे अधिक जानकारी क्या साझा की जाएगी. इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि जांच 80 फीसद तक पूरी हो चुकी है. पुलिस पीड़ित परिवार के संपर्क में है और पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की आशंका या समस्या नहीं है.

याचिका में कहा गया है, "अब तक दिल्ली पुलिस के थाने महरौली ने अपनी जांच के हर चरण के बारे में मीडिया और सार्वजनिक लोगों के सामने हर विवरण का खुलासा किया है, जिसकी कानून के अनुसार अनुमति नहीं है." इसके अलावा तर्क दिया गया है कि बरामदगी के स्थान पर अदालती सुनवाई आदि में मीडिया और अन्य सार्वजनिक व्यक्तियों की उपस्थिति वर्तमान मामले में सबूतों और गवाहों के साथ हस्तक्षेप करने के बराबर है. पीएस महरौली प्रशासनिक/स्टाफ की कमी के साथ-साथ सबूतों और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त तकनीकी और वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण कुशलतापूर्वक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि घटना मई, 2022 में लगभग 6 महीने पहले हुई थी."

ये भी पढ़ें : श्रद्धा हत्याकांड : साकेत कोर्ट ने आफताब अमीन की पुलिस रिमांड 4 दिन और बढ़ाई

आगे कहा गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा मीडिया को दिए गए बयानों के अनुसार, जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी को पांच अलग-अलग राज्यों में ले जाया जाएगा. इसलिए, मामला "अंतर-राज्यीय" था और दिल्ली पुलिस के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से परे था, वकील ने दावा किया. इस मर्डर केस में एक जोड़ा शामिल है, जो कथित तौर पर डेटिंग ऐप बम्बल पर मिले थे और बाद में लिव-इन रिलेशनशिप में आ गए. इस साल की शुरुआत में दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले वे शुरुआत में मुंबई से बाहर थे. पुलिस के मुताबिक, इस साल 18 मई को महरौली में एक किराए के फ्लैट में दंपति के बीच झगड़े के बाद आरोपी ने पीड़िता का गला घोंट दिया, उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, उसे फ्रिज में रख दिया और बाद में अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया.

ये भी पढ़ें : सत्येंद्र जैन को रेपिस्ट दे रहे मसाज, दिल्ली लंदन बनी नहीं, तिहाड़ बना थाईलैंड: शहजाद पूनावाला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.