कोलकाता : विश्वभारती विश्वविद्यालय ने कुलपति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने वाले एक प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा है कि वह कुलपति के खिलाफ चल रहे मामले के बारे में मीडिया के सामने बयान कैसे दे सकते हैं.
भौतिकी विभाग के प्रोफेसर मानस मैती ने कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ शांतिनिकेतन पुलिस थाने में 12 जून को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसके अनुसार कुलपति ने बैठक में मैती और कुछ अन्य संकाय सदस्यों के विरुद्ध अप्रिय शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें कथित तौर पर अपमानित किया था.
विश्वविद्यालय ने सोमवार को मैती से पूछा कि वह कुलपति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के बारे में बयान कैसे दे सकते हैं. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि संबंधित व्यक्ति द्वारा की गई टिप्पणी विश्वभारती की बदनामी करने वाली है. विश्वविद्यालय के एक सूत्र ने बताया कि मैती को तीन दिन में जवाब देने को कहा गया है.
सूत्र ने कहा, एक वामपंथी संगठन से जुड़े कुछ लोग कुलपति की छवि खराब करने के लिए काम कर रहे हैं. वे विश्वभारती के हितों के विरुद्ध काम कर रहे हैं और मीडिया का सहारा लेकर केवल विवाद उत्पन्न करने में लगे हैं. ज्यादातर शिक्षक उनके आचरण से नाराज हैं और अकादमिक गतिविधियां जारी रखना चाहते हैं. लेकिन यह शिक्षक खुलकर नहीं बोल रहे हैं. हम वाम संगठन के इस प्रयास को नाकाम कर देंगे.
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इससे पहले विश्वभारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 13 जून को मैती को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कुलपति के प्रति अनुचित व्यवहार करने और डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक के दौरान उनके निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था.
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने नोटिस में दावा किया था कि आठ जून को हुई बैठक के दौरान प्रोफेसर मैती से किसी विषय पर प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कुलपति के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया. इस बीच जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने सोमवार को आरोप लगाया कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के अधिकारी मैती के विरुद्ध प्रतिशोधात्म्क रवैया अपना रहे हैं क्योंकि उन्होंने कुलपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.