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आंध्र प्रदेश में चौंकाने वाला रीटेल कारोबार घोटाला, जालसाजों ने हजारों लोगों से ठगे 2,000 करोड़ रुपये

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 7:22 PM IST

आंध्र प्रदेश कि एनटीआर जिले में 2,000 करोड़ रुपये का एक घोटाला हाल ही में सामने आया है. इस घोटाले को एक जोड़े ने अंजाम दिया है. यह जोड़ा राज्य के पश्चिम गोदावरी जिले के भीमावरम का रहने वाला था.

Rs 2,000 crore scam
2,000 करोड़ रुपये का घोटाला

एनटीआर जिला (आंध्र प्रदेश): हाल ही में 2,000 करोड़ रुपये के एक चौंका देने वाले वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ, जो ऑनलाइन उपभोक्ता वस्तुओं की खुदरा बिक्री की आड़ में शुरू की गई एक विस्तृत योजना पर प्रकाश डालता है. काफी समय तक चली इस व्यापक धोखाधड़ी ने वित्तीय परिदृश्य को हिलाकर रख दिया है, जिससे पीड़ितों को एक भ्रामक चाल के परिणामों से जूझना पड़ रहा है. इस घोटाले ने उनकी मेहनत की कमाई को खत्म कर दिया है.

कैसे शुरू हुई धोखेबाजी: इस बड़े पैमाने के धोखे की उत्पत्ति का पता आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले के जी कोंडूर मंडल के एक जोड़े के बीच साझेदारी से लगाया जा सकता है. यह जोड़ा राज्य के पश्चिम गोदावरी जिले के भीमावरम का रहने वाला था.

पति के प्रबंध निदेशक और उनकी पत्नी के निदेशक के रूप में कार्य करने के साथ, एक वैध ऑनलाइन खुदरा बिक्री उद्यम की शुरुआत हुई. थोक दरों पर उपभोक्ता वस्तुओं का कारोबार करने वाली कंपनी के असली इरादे वैधता के इस मुखौटे के पीछे छिपे थे, जो कि काफी धन इकट्ठा करने के उद्देश्य से एक जटिल योजना का सार बनाते थे.

गुमराह करने वाले वादे: मुनाफा बांटने और 10 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर की गारंटी के बहाने घोटालेबाजों ने कुशलतापूर्वक संभावित निवेशकों को फुसलाया. रिटर्न के आकर्षक प्रस्ताव ने विभिन्न पृष्ठभूमि के अनेक व्यक्तियों को लुभाया. लोगों ने अलग-अलग मात्रा में निवेश किया, जिसमें मामूली रकम से लेकर अत्यधिक रकम तक शामिल थी. आश्चर्यजनक रूप से, एनटीआर जिले के दुग्गिरलापाडु के पास गुडेम माधवरम का एक पीड़ित इस योजना का शिकार हो गया.

उसने इस योजना में 10 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बाद इस व्यक्ति ने कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये के निवेश के साथ परिताला के एक अन्य पीड़ित को भी अपने साथ जोड़ा. 50 लाख रुपये से लेकर अविश्वसनीय 80 करोड़ रुपये तक के ऐसे महत्वपूर्ण निवेश ने घोटाले के इस बड़े खेल को जन्म दिया.

कई जिंदगियां हुईं बर्बाद: जैसे ही घोटाले की हकीकत सामने आई, इसके असर से कई जिंदगियां तबाह हो गईं. परिटाला के एक व्यक्ति ने अपनी चार एकड़ जमीन बेचकर, 2 करोड़ रुपये की धनराशि इस धोखाधड़ी वाले उद्यम में निवेश किया था. इस योजना का प्रभाव विजयवाड़ा के पास गोलापुडी जैसे दूर-दूर तक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच गया.

यहां निवेश आश्चर्यजनक रूप से 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और कावुलूर में 80 लाख रुपये का निवेश दर्ज किया गया. यह परेशान करने वाली कहानी कांचिकाचर्ला के एक अपार्टमेंट परिसर में भी सामने आई, जिसमें सामूहिक रूप से इस योजना में 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया.

राजनीतिक नेता भी बने शिकार: घोटाले की पहुंच समाज के ऊपरी तबके तक पहुंच गई, यहां तक कि वाईएसआरसीपी के एक प्रमुख नेता भी इसमें फंस गए, जिन्होंने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की भारी राशि का निवेश किया था. जब घोटाले का पर्दा उठाया गया, तो नेता के समर्थकों ने कथित तौर पर मास्टरमाइंड को पकड़ लिया और बलपूर्वक तरीकों से रकम को हासिल करने की कोशिश की.

घोटाले का पर्दाफाश: जैसे ही संदेह बढ़ने लगा, योजनाकारों ने अपने व्यवसाय संचालन को कम करके और सबूत छिपाकर एक विस्तृत निकास रणनीति को अंजाम दिया. इस रणनीतिक पैंतरेबाज़ी का उद्देश्य सामान्य स्थिति की झलक बनाए रखना था, भले ही निवेशकों का संदेह बढ़ता जा रहा था.

एनटीआर जिला (आंध्र प्रदेश): हाल ही में 2,000 करोड़ रुपये के एक चौंका देने वाले वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ, जो ऑनलाइन उपभोक्ता वस्तुओं की खुदरा बिक्री की आड़ में शुरू की गई एक विस्तृत योजना पर प्रकाश डालता है. काफी समय तक चली इस व्यापक धोखाधड़ी ने वित्तीय परिदृश्य को हिलाकर रख दिया है, जिससे पीड़ितों को एक भ्रामक चाल के परिणामों से जूझना पड़ रहा है. इस घोटाले ने उनकी मेहनत की कमाई को खत्म कर दिया है.

कैसे शुरू हुई धोखेबाजी: इस बड़े पैमाने के धोखे की उत्पत्ति का पता आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले के जी कोंडूर मंडल के एक जोड़े के बीच साझेदारी से लगाया जा सकता है. यह जोड़ा राज्य के पश्चिम गोदावरी जिले के भीमावरम का रहने वाला था.

पति के प्रबंध निदेशक और उनकी पत्नी के निदेशक के रूप में कार्य करने के साथ, एक वैध ऑनलाइन खुदरा बिक्री उद्यम की शुरुआत हुई. थोक दरों पर उपभोक्ता वस्तुओं का कारोबार करने वाली कंपनी के असली इरादे वैधता के इस मुखौटे के पीछे छिपे थे, जो कि काफी धन इकट्ठा करने के उद्देश्य से एक जटिल योजना का सार बनाते थे.

गुमराह करने वाले वादे: मुनाफा बांटने और 10 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर की गारंटी के बहाने घोटालेबाजों ने कुशलतापूर्वक संभावित निवेशकों को फुसलाया. रिटर्न के आकर्षक प्रस्ताव ने विभिन्न पृष्ठभूमि के अनेक व्यक्तियों को लुभाया. लोगों ने अलग-अलग मात्रा में निवेश किया, जिसमें मामूली रकम से लेकर अत्यधिक रकम तक शामिल थी. आश्चर्यजनक रूप से, एनटीआर जिले के दुग्गिरलापाडु के पास गुडेम माधवरम का एक पीड़ित इस योजना का शिकार हो गया.

उसने इस योजना में 10 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बाद इस व्यक्ति ने कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये के निवेश के साथ परिताला के एक अन्य पीड़ित को भी अपने साथ जोड़ा. 50 लाख रुपये से लेकर अविश्वसनीय 80 करोड़ रुपये तक के ऐसे महत्वपूर्ण निवेश ने घोटाले के इस बड़े खेल को जन्म दिया.

कई जिंदगियां हुईं बर्बाद: जैसे ही घोटाले की हकीकत सामने आई, इसके असर से कई जिंदगियां तबाह हो गईं. परिटाला के एक व्यक्ति ने अपनी चार एकड़ जमीन बेचकर, 2 करोड़ रुपये की धनराशि इस धोखाधड़ी वाले उद्यम में निवेश किया था. इस योजना का प्रभाव विजयवाड़ा के पास गोलापुडी जैसे दूर-दूर तक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच गया.

यहां निवेश आश्चर्यजनक रूप से 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और कावुलूर में 80 लाख रुपये का निवेश दर्ज किया गया. यह परेशान करने वाली कहानी कांचिकाचर्ला के एक अपार्टमेंट परिसर में भी सामने आई, जिसमें सामूहिक रूप से इस योजना में 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया.

राजनीतिक नेता भी बने शिकार: घोटाले की पहुंच समाज के ऊपरी तबके तक पहुंच गई, यहां तक कि वाईएसआरसीपी के एक प्रमुख नेता भी इसमें फंस गए, जिन्होंने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की भारी राशि का निवेश किया था. जब घोटाले का पर्दा उठाया गया, तो नेता के समर्थकों ने कथित तौर पर मास्टरमाइंड को पकड़ लिया और बलपूर्वक तरीकों से रकम को हासिल करने की कोशिश की.

घोटाले का पर्दाफाश: जैसे ही संदेह बढ़ने लगा, योजनाकारों ने अपने व्यवसाय संचालन को कम करके और सबूत छिपाकर एक विस्तृत निकास रणनीति को अंजाम दिया. इस रणनीतिक पैंतरेबाज़ी का उद्देश्य सामान्य स्थिति की झलक बनाए रखना था, भले ही निवेशकों का संदेह बढ़ता जा रहा था.

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