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तमिलनाडु पुलिस का खुलासा : बंद पड़े 600 मोबाइल टावरों पर हो चुकी हाथ की सफाई

तमिलनाडु के ईरोड स्थित चेन्नीमलाई हिल्स पर एक निजी कंपनी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. द्वारा लगाया गया सेल फोन टॉवर गायब होने जैसी हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. इस मामले की पुलिस जांच से खुलासा हुआ कि कंपनी के अब तक केवल एक नहीं बल्कि, 600 मोबाइल टावर गायब हो गए हैं.

तमिलनाडु पुलिस का खुलासा
तमिलनाडु पुलिस का खुलासा
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Published : Jun 22, 2022, 10:37 PM IST

ईरोड : तमिलनाडु के ईरोड स्थित चेन्नीमलाई हिल्स पर एक निजी कंपनी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. द्वारा लगाया गया सेल फोन टॉवर गायब होने जैसी हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. इस संबंध में थाने में मामला दर्ज किया गया है. सेल फोन टॉवर स्थापित करने वाली कंपनी ने कहा कि सेल फोन टॉवर, जो 2017 से बंद पड़ा था, निगरानी में नहीं था, जिसकी वजह से चोरी हो गया है. इससे कंपनी को 32 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

इस मामले की पुलिस जांच से खुलासा हुआ कि कंपनी के अब तक केवल एक नहीं बल्कि, 600 मोबाइल टावर गायब हो गए हैं. सेल फोन टावर लगाने वाली कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है. इसका क्षेत्रीय कार्यालय वाणिज्यिक परिसर चेन्नई के पुरसवक्कम राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है.

जानकारी के मुताबिक, निजी कंपनी द्वारा केवल तमिलनाडु में 6,000 से अधिक सेल फोन टावरों की स्थापना और रखरखाव किया जा रहा है. विशेष रूप से, 2018 में एक खास निजी शिपिंग कंपनी ने अपनी नेटवर्किंग सेवा बंद कर दी. नतीजतन, उस नेटवर्क सेवा कंपनी के लिए पूरे भारत में स्थापित सेल फोन टावर निष्क्रिय हो गए. वहीं, उन टावरों की कोरोना काल में कोई निगरानी और रखरखाव नहीं हो पाई. शिकायतकर्ता सेल टावर इरेक्शन कंपनियों के मुताबिक, जिस जिले में टावर स्थित है, उसके थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है और मामला दर्ज कर लिया गया है.

जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कोरोना काल का फायदा उठाकर उनके सेल फोन टावरों की चोरी होने का संदेह व्यक्त किया है. तमिलनाडु में निष्क्रिय सेल फोन टावरों की स्थिति पर सर्वेक्षणों से पता चला कि 600 से अधिक टावर अब तक चोरी हो चुके हैं. उन्होंने पुलिस से भी अपील की है कि अन्य टावरों की चोरी रोकने के लिए कार्रवाई की जाए. कंपनी ने कहा कि विशेष रूप से सेल फोन टावर लगाने में 25 लाख रुपये से 40 लाख रुपये तक की लागत आती है. उनकी कंपनी के एक कर्मचारी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मुताबिक, चोर गिरोह के कुछ सदस्य सेल फोन टावर की चोरी करते हुए पकड़े भी गए हैं.

ईरोड : तमिलनाडु के ईरोड स्थित चेन्नीमलाई हिल्स पर एक निजी कंपनी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. द्वारा लगाया गया सेल फोन टॉवर गायब होने जैसी हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. इस संबंध में थाने में मामला दर्ज किया गया है. सेल फोन टॉवर स्थापित करने वाली कंपनी ने कहा कि सेल फोन टॉवर, जो 2017 से बंद पड़ा था, निगरानी में नहीं था, जिसकी वजह से चोरी हो गया है. इससे कंपनी को 32 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

इस मामले की पुलिस जांच से खुलासा हुआ कि कंपनी के अब तक केवल एक नहीं बल्कि, 600 मोबाइल टावर गायब हो गए हैं. सेल फोन टावर लगाने वाली कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है. इसका क्षेत्रीय कार्यालय वाणिज्यिक परिसर चेन्नई के पुरसवक्कम राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है.

जानकारी के मुताबिक, निजी कंपनी द्वारा केवल तमिलनाडु में 6,000 से अधिक सेल फोन टावरों की स्थापना और रखरखाव किया जा रहा है. विशेष रूप से, 2018 में एक खास निजी शिपिंग कंपनी ने अपनी नेटवर्किंग सेवा बंद कर दी. नतीजतन, उस नेटवर्क सेवा कंपनी के लिए पूरे भारत में स्थापित सेल फोन टावर निष्क्रिय हो गए. वहीं, उन टावरों की कोरोना काल में कोई निगरानी और रखरखाव नहीं हो पाई. शिकायतकर्ता सेल टावर इरेक्शन कंपनियों के मुताबिक, जिस जिले में टावर स्थित है, उसके थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है और मामला दर्ज कर लिया गया है.

जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कोरोना काल का फायदा उठाकर उनके सेल फोन टावरों की चोरी होने का संदेह व्यक्त किया है. तमिलनाडु में निष्क्रिय सेल फोन टावरों की स्थिति पर सर्वेक्षणों से पता चला कि 600 से अधिक टावर अब तक चोरी हो चुके हैं. उन्होंने पुलिस से भी अपील की है कि अन्य टावरों की चोरी रोकने के लिए कार्रवाई की जाए. कंपनी ने कहा कि विशेष रूप से सेल फोन टावर लगाने में 25 लाख रुपये से 40 लाख रुपये तक की लागत आती है. उनकी कंपनी के एक कर्मचारी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मुताबिक, चोर गिरोह के कुछ सदस्य सेल फोन टावर की चोरी करते हुए पकड़े भी गए हैं.

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