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उत्तराखंड : चंमावत में युवाओं ने खोजा पंचायतन शैली का प्राचीन शिव मंदिर

उत्तराखंड के चंपावत में पंचायतन शैली की प्राचीन शिव मंदिर मिला है. चैकुनी गांव स्थित इस मंदिर को कुछ युवाओं ने खोजा है. ग्रामीणों के मुताबिक यह शिव मंदिर कुमाऊं के चंद शासकों के समय का है.

प्राचीन शिव मंदिर
प्राचीन शिव मंदिर
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Published : Apr 13, 2021, 5:03 PM IST

चंपावत (उत्तराखंड): चंपावत जनपद के चैकुनी गांव में प्राचीन शिव मंदिर का पता लगा है जो कुमाऊं के चंद राजवंश के समय का बताया जा रहा है. इस मंदिर का पता लगाने वाले अन्य कोई नहीं गांव के कुछ युवा ही हैं. यह मंदिर अब पूरे जनपद में चर्चा का विषय बन गया है.

जानकारी के मुताबिक चैकुनी गांव पौराणिक कूर्मनगरी और चंद शासकों की प्रारंभिक राजधानी चम्पावत का एक खूबसूरत गांव है. ये गांव भगवान विष्णु के कूर्मावतार की पावन तपस्थली माने जाने वाले क्रान्तेश्वर पर्वत की गोद में बसा है.

पंचायतन शैली में चंद शासकों द्वारा बना शिव मंदिर भी इस गांव में महादेव के आशीर्वाद का प्रतिबिम्ब माना जा रहा है. इस मंदिर की दीवार में चंद शासक के अभयचन्द्र के 1298 अभिलेख नजर आते हैं. जिसमें उनकी पत्नी रमादेवी का भी उल्लेख है, जो वीरब्रह्मदेव की पुत्री थीं.

चैकुनी के लोग आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासतों के प्रति अति जागरूक हैं. कुछ महीनों में ही यहां के युवाओं ने आयताकार सोपान युक्त नौला का पता लगाया था जो 12वीं-13वीं सदी का बताया जा रहा है. इतना ही नहीं एक लघुदेवालय भी जमीन से खोद निकाला गया है.

पढ़ें- मां की जान बचाने के लिए बेटे ने किया कुछ ऐसा, देखते रह गए सब

इतिहासकार डॉ. प्रशांत जोशी का कहना है कि गांववालों की मदद से ही जमीन से गणेश जी की दुर्लभ प्रतिमा के साथ अन्य कई प्रतिमाएं और मंदिर के अवशेष भी मिले हैं. इन अवशेषों का अध्ययन करने पर न जाने कितनी महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी मिलेगी और छात्रों और शोधकर्ताओं को सहायता मिलेगी.

चंपावत (उत्तराखंड): चंपावत जनपद के चैकुनी गांव में प्राचीन शिव मंदिर का पता लगा है जो कुमाऊं के चंद राजवंश के समय का बताया जा रहा है. इस मंदिर का पता लगाने वाले अन्य कोई नहीं गांव के कुछ युवा ही हैं. यह मंदिर अब पूरे जनपद में चर्चा का विषय बन गया है.

जानकारी के मुताबिक चैकुनी गांव पौराणिक कूर्मनगरी और चंद शासकों की प्रारंभिक राजधानी चम्पावत का एक खूबसूरत गांव है. ये गांव भगवान विष्णु के कूर्मावतार की पावन तपस्थली माने जाने वाले क्रान्तेश्वर पर्वत की गोद में बसा है.

पंचायतन शैली में चंद शासकों द्वारा बना शिव मंदिर भी इस गांव में महादेव के आशीर्वाद का प्रतिबिम्ब माना जा रहा है. इस मंदिर की दीवार में चंद शासक के अभयचन्द्र के 1298 अभिलेख नजर आते हैं. जिसमें उनकी पत्नी रमादेवी का भी उल्लेख है, जो वीरब्रह्मदेव की पुत्री थीं.

चैकुनी के लोग आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासतों के प्रति अति जागरूक हैं. कुछ महीनों में ही यहां के युवाओं ने आयताकार सोपान युक्त नौला का पता लगाया था जो 12वीं-13वीं सदी का बताया जा रहा है. इतना ही नहीं एक लघुदेवालय भी जमीन से खोद निकाला गया है.

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इतिहासकार डॉ. प्रशांत जोशी का कहना है कि गांववालों की मदद से ही जमीन से गणेश जी की दुर्लभ प्रतिमा के साथ अन्य कई प्रतिमाएं और मंदिर के अवशेष भी मिले हैं. इन अवशेषों का अध्ययन करने पर न जाने कितनी महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी मिलेगी और छात्रों और शोधकर्ताओं को सहायता मिलेगी.

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