मुंबई : शिवसेना ने सोमवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी एक कार पाए जाने के मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया जाना महाराष्ट्र पुलिस का 'अपमान' है.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया कि जब महाराष्ट्र पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है.
इसमें कहा गया कि यदि वाजे इस मामले में दोषी हैं, तो मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम हैं, लेकिन एनआईए ऐसा नहीं होने देना चाहता था.
शिवसेना ने आरोप लगाया कि वाजे ने अन्वय नायक आत्महत्या मामले में जब से पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था, वह तभी से 'भाजपा और केंद्र के निशाने पर' थे.
रायगढ़ पुलिस ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नायक और उसकी मां की आत्महत्या के संबंध में पिछले साल चार नवंबर को गोस्वामी और दो अन्य को गिरफ्तार किया था.
एनआईए ने 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के निकट विस्फोटकों से भरी एक कार पाए जाने की जांच के सिलसिले में वाजे को शनिवार को गिरफ्तार किया था. कार में जिलेटिन की 20 छड़ें मिली थीं.
कार के मालिक एवं ठाणे के रहने वाले कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में भी वाजे की भूमिका सवालों के घेरे में है. हिरेन पांच मार्च को ठाणे जिले में मृत पाए गए थे. वाजे ने 63 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मारा है.
शिवसेना ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जब राज्य पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तो ऐसे में एनआईए जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के मामले की जांच कर रही है.
संपादकीय में कहा गया, 'एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार किया जाना राज्य पुलिस का अपमान है और ऐसा जानबूझकर किया गया. जो लोग इस बात पर खुशी जता रहे हैं, वे राज्य की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचा रहे हैं.'
मुखपत्र में सच के जल्द सामने आने की उम्मीद जताई गई है.
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संपादकीय में कहा गया है कि राज्य सरकार ने विस्फोटकों से भरा वाहन मिलने और हिरेन की मौत के मामलों की जांच एटीएस को सौंप दी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने विस्फोटकों के मामले की जांच एनआईए को सौंप दी.
शिवसेना ने कहा कि इसके लिए जल्दबाजी की जरूरत नहीं थी.
उसने कहा कि यह अब भी 'रहस्य' है कि विस्फोटक पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) कैसे पहुंचे और उन्होंने (2019 में) 40 जवानों की जान ले ली.
उसने कहा, 'कश्मीर घाटी में हर रोज विस्फोटक मिल रहे हैं. क्या एनआईए वहां जाकर भी जांच करती है?'