मुंबई : पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl land scam case) में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है (judicial custody extended by 14 days). उनकी जमानत याचिका पर अब 21 सितंबर को सुनवाई होगी. कोर्ट के निर्देश के बाद ईडी अधिकारियों ने संजय राउत को चार्जशीट की कॉपी सौंपी. सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में पूर्व कृषि मंत्री का भी नाम है.
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Patra Chawl land scam case | Shiv Sena MP Sanjay Raut's judicial custody extended by 14-days. Hearing in his bail plea to now be held on Wednesday, 21st September.
— ANI (@ANI) September 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Chargesheet copy handed by ED officers to Sanjay Raut, following Court's directive pic.twitter.com/LT15tMTVxd
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— ANI (@ANI) September 19, 2022
Chargesheet copy handed by ED officers to Sanjay Raut, following Court's directive pic.twitter.com/LT15tMTVxdPatra Chawl land scam case | Shiv Sena MP Sanjay Raut's judicial custody extended by 14-days. Hearing in his bail plea to now be held on Wednesday, 21st September.
— ANI (@ANI) September 19, 2022
Chargesheet copy handed by ED officers to Sanjay Raut, following Court's directive pic.twitter.com/LT15tMTVxd
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यहां एक आवास पुनर्विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) की जमानत याचिका का शुक्रवार को भी विरोध किया था.
राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पात्रा चॉल घोटाला मामले में 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं. ईडी ने शिवसेना सांसद का बयान दर्ज किया था. उसके बाद 31 जुलाई को उनके घर पर छापा मारा और हिरासत में लिया. 1 अगस्त की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
मामला 672 किरायेदारों के लिए पात्रा चॉल की रुकी हुई पुनर्विकास परियोजना से संबंधित है, जिसे गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लिया गया था, जिसमें संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत निदेशकों में से एक थे. ईडी ने दावा किया है कि परियोजना से एफएसआई की अवैध बिक्री से प्रवीण राउत को 112 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था और उन्होंने आय का एक निश्चित हिस्सा संजय राउत और उनकी पत्नी को दिया था.
राउत ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलएल) संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में इस महीने की शुरुआत में एक याचिका दायर करके कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला 'सत्ता के दुरुपयोग' और 'राजनीतिक प्रतिशोध' का सटीक उदाहरण है.
पढ़ें- पात्रा चॉल घोटाला: ईडी ने संजय राउत की जमानत याचिका विरोध किया