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बीएमसी चुनाव को टालने की साजिश रच रही शिवसेना : भाजपा विधायक

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने शिवसेना पर कोरोना महामारी की आड़ में अगले साल फरवरी में होने वाले मुंबई नगर निकाय के चुनावों को स्थगित करने की साजिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा बीएमसी की मौजूदा शासी निकाय को विस्तार देने के खिलाफ है.

भाजपा विधायक आशीष शेलार
भाजपा विधायक आशीष शेलार
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Published : Jun 1, 2021, 6:02 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र भाजपा के नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ शिवसेना कोरोना महामारी की स्थिति और तीसरी लहर की आशंका का हवाला देकर अगले साल फरवरी में होने वाले मुंबई नगर निकाय के चुनावों को स्थगित करने की साजिश रच रही है.

शेलार ने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के वर्तमान शासी निकाय को विस्तार दिलाने की कोशिश कर रही है ताकि वह सीवेज शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए जारी होने वाले 20,000 करोड़ रुपये के टेंडर में कमीशन हासिल कर सके.

उन्होंने आरोप लगाया, 'कोविड-19 के हालात और महामारी की तीसरी लहर की आशंका की आड़ में शिवसेना बीएमसी चुनाव टालने की साजिश कर रही है. यदि शिवसेना की मांग को स्वीकार किया जाता है, तो हम मांग करेंगे कि बीएमसी शासी निकाय कार्यकाल विस्तार के दौरान नई निविदाएं जारी नहीं करे या उन्हें मंजूरी नहीं दे.'

भाजपा शासी निकाय को विस्तार देने के खिलाफ
बांद्रा के विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना की निगरानी में निविदा के लिए 'कट मनी' (कमीशन) चलती है. शिवसेना करीब तीन दशक से बीएमसी पर शासन कर रही है. उन्होंने कहा, 'भाजपा बीएमसी की मौजूदा शासी निकाय को विस्तार देने के खिलाफ है.'

यह भी पढ़ें- यूपी सहित पांच राज्यों में समय पर विस चुनाव कराने को लेकर आश्वस्त : CEC

शिवसेना और भाजपा महाराष्ट्र में 2014-2019 तक साझेदार रहे, लेकिन दोनों दलों ने फरवरी 2017 में हुए बीएमसी के चुनाव अलग अलग लड़े. बीएससी की 227 सीटों में से शिवसेना के 97 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या 83 है.

मुंबई : महाराष्ट्र भाजपा के नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ शिवसेना कोरोना महामारी की स्थिति और तीसरी लहर की आशंका का हवाला देकर अगले साल फरवरी में होने वाले मुंबई नगर निकाय के चुनावों को स्थगित करने की साजिश रच रही है.

शेलार ने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के वर्तमान शासी निकाय को विस्तार दिलाने की कोशिश कर रही है ताकि वह सीवेज शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए जारी होने वाले 20,000 करोड़ रुपये के टेंडर में कमीशन हासिल कर सके.

उन्होंने आरोप लगाया, 'कोविड-19 के हालात और महामारी की तीसरी लहर की आशंका की आड़ में शिवसेना बीएमसी चुनाव टालने की साजिश कर रही है. यदि शिवसेना की मांग को स्वीकार किया जाता है, तो हम मांग करेंगे कि बीएमसी शासी निकाय कार्यकाल विस्तार के दौरान नई निविदाएं जारी नहीं करे या उन्हें मंजूरी नहीं दे.'

भाजपा शासी निकाय को विस्तार देने के खिलाफ
बांद्रा के विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना की निगरानी में निविदा के लिए 'कट मनी' (कमीशन) चलती है. शिवसेना करीब तीन दशक से बीएमसी पर शासन कर रही है. उन्होंने कहा, 'भाजपा बीएमसी की मौजूदा शासी निकाय को विस्तार देने के खिलाफ है.'

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शिवसेना और भाजपा महाराष्ट्र में 2014-2019 तक साझेदार रहे, लेकिन दोनों दलों ने फरवरी 2017 में हुए बीएमसी के चुनाव अलग अलग लड़े. बीएससी की 227 सीटों में से शिवसेना के 97 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या 83 है.

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