अमरावती: महात्मा गांधी को मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से जाना जाता है, लेकिन करमचंद गांधी मोहनदास के पिता नहीं थे, बल्कि एक मुस्लिम जमींदार उनके असली पिता थे. यह सनसनीखेज बयान अमरावती में श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्तान संस्था के संस्थापक मनोहर उर्फ संभाजी भिड़े ने दिया है. रैली में बोलते हुए भिड़े ने दावा किया कि महात्मा गांधी को लेकर सबूत मौजूद हैं.
उन्होंने कहा कि मोहनदास करमचंद की चौथी पत्नी के बेटे थे. करमचंद ने जिस मुस्लिम जमींदार के यहां काम किया था, उससे बड़ी रकम चुरा ली थी. क्रोधित मुस्लिम जमींदार ने करमचंद की पत्नी का अपहरण कर लिया और उसे अपने पास ले आया. उसके साथ पत्नी जैसा व्यवहार किया. तो करमचंद गांधी मोहनदास के असली पिता नहीं हैं, बल्कि वह उसी मुस्लिम जमींदार के बेटे हैं.
संभाजी भिड़े ने यह भी दावा किया कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मोहनदास की देखभाल और शिक्षा एक ही मुस्लिम माता-पिता ने की थी. भारत एकमात्र हिंदू बहुसंख्यक देश है. हिंदुओं की वीरता अपरंपार है. परन्तु हिन्दू अपना धर्म, कर्तव्य, उत्तरदायित्व भूल गये. उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन हो गया है और हिंदू व भारत का पतन हो गया है. कांग्रेस नेता विधायक बालासाहेब थोरात ने संभाजी भिड़े के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपिता की आलोचना करते हैं, यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है.
थोरात ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बेहद अपमानजनक बयान दिया है, जो पूरे देश के लिए बेहद परेशान करने वाला है. संभाजी भिड़े ने बार-बार घृणित बयान दिए हैं. यह पता लगाना जरूरी है कि वास्तव में उसका समर्थन कौन करता है. संभाजी भिड़े की मंशा जाननी चाहिए. वह किसके राजनीतिक फायदे के लिए बार-बार ऐसे बयान देते हैं?
उन्होंने कहा कि हमने सदन में संभाजी भिड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. थोराट ने यह भी चेतावनी दी है कि अन्यथा हम चुप नहीं बैठेंगे. विधानसभा में थोराट ने संभाजी भिड़े को चेतावनी दी है.