हैदराबाद: फिल्म एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को पॉर्न फिल्में बनाने के आरोप में फिलहाल पुलिस गिरफ्त में हैं. भारत में अश्लील फिल्में बनाना बैन है, खबर है कि फिल्म की शूटिंग भारत में होती थी और बाकी काम देश के बाहर. सवाल है कि ये गोरखधंधा कैसे चल रहा था ? फिल्म की शूटिंग के बाद दूसरे देश कैसे भेजी जाती थी ? और फिर वो अश्लील फिल्में कहां दिखाई जाती थी जिससे कुंद्रा को रोजाना लाखों रुपये कमाते थे. ऐसे सभी सवालों का जवाब मिलेगा हमारी इस रिपोर्ट में.
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भारत में होती थी शूटिंग
पुलिस के मुताबिक होटलों और घर किराए पर लेकर अश्लील फिल्मों या पॉर्न फिल्मों की शूटिंग होती थी. पुलिस ने मलाड के मड गांव में एक किराए के बंगले में छापेमारी के बाद ही पूछताछ के लिए बुलाए गए राज कुंद्रा को गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक मुंबई के अलग-अलग इलाकों में शूटिंग के लिए कमरे लिए जाते थे और कानून को ठेंगा दिखाकर अश्लील फिल्मों की शूटिंग होती थी.
मायानगरी मुंबई में पहुंचने वाला हर दूसरा शख्स फिल्मी या टीवी की दुनिया में काम करने के लिए पहुंचता है लेकिन सबको मंजिल नहीं मिलती और जो भटकता है वो पॉर्नोग्राफी या अश्लील फिल्मों के दलदल में फंस जाता है. मॉडल्स से लेकर फिल्मों और टीवी में काम करने वालों की चाहत लिए लोग इनके निशाने पर होते थे. फिल्म और टीवी में काम देने के बहाने मॉडल्स को बुलाया जाता था.
पुलिस के मुताबिक नए एक्टर्स को वेब सीरीज़ और शॉर्ट फिल्म में काम देने का झांसा दिया जाता, साथ ही ऑडिशन के दौरान उन्हें बोल्ड और न्यूड सीन करने को कहा जाता था. फीमेल एक्टर्स के इनकार करने के बाद मामला क्राइम ब्रांच पहुंचा था. केस दर्ज होने के बाद 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
शूटिंग के बाद 'वी ट्रांसफर'
पुलिस के मुताबिक राज कुंद्रा इस 'गंदे धंधे' का मास्टरमाइंड है. अश्लील फिल्मों की शूटिंग को भारत में होती थी लेकिन बाकी सब काम देश के बाहर होता था. शुरुआत तार लंदन से जुड़ रहे हैं. दरअसल ब्रिटेन में रह रहे कुंद्रा के रिश्तेदार ने एक कंपनी बनाई, जहां पॉर्न फिल्मों की शूटिंग के बाद का सारा काम होता था. अश्लील फिल्मों की शूटिंग भारत में होती थी और फिर इन्हें वी ट्रांसपर के जरिये विदेश भेजा जाता था. जहां एडिटिंग से लेकर तमाम पोस्ट प्रोडक्शन का काम होता था और इंटरनेट पर अपलोड की जाती थीं.
क्या बला है ये वी ट्रांसफर ?
वी ट्रांसफर (WeTransfer) दुनिया की मशहूर फाइल शेयरिंग वेबसाइट है. यानि इसके इस्तेमाल से आप दुनियाभर में कहीं भी वीडियो, तस्वीर या डॉक्यूमेंट भेज सकते हैं. ये नीदरलैंड की कंपनी है. वी ट्रांसफर के जरिये 2 जीबी तक की फाइलें आप मुफ्त में भेज सकते हैं और पैसे देकर 2 जीबी से ज्यादा लंबी फाइल भेजने की सहूलियत भी है.
इसके दुनियाभर में 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, जो रोजाना लाखों पाइलें ट्रांसफर करते हैं. खास बात ये हैं कि फाइलें भेजने के लिए इसमें अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं होती. सिर्फ फाइल भेजने और पाने वाले का मेल आईडी चाहिए या फिर फाइल का एक लिंक भी बनाया जा सकता है जिसे आप भी मेल, वॉट्सएप या किसी भी माध्यम से भेज सकते हैं.
वी ट्रांसफर जैसे प्लेटफॉर्म और भी हैं
लॉकडाउन के दौरान घर से काम करने वालों के लिए इस तरह के प्लेटफॉर्म बहुत ही कारगर साबित हुए थे. वी ट्रांसफर पर साल 2020 में भारत में आंशिक बैन भी लगा था. लेकिन इंटरनेट पर ऐसी दर्जनों प्लेटफॉर्म है जिनके जरिये आप बड़ी फाइलें शेयर कर सकते हैं. स्मैश (smash), ड्रॉपबॉक्स (dropbox), हाईटेल (hightail) इसके कुछ उदाहरण हैं.
Hotshots ऐप पर रिलीज़ होती थी अश्लील फिल्में
राज कुंद्रा और ब्रिटेन में रह रहे रिश्तेदार ने केनरिन (kenrin) नाम की एक कंपनी बनाई थी. जिसका रजिस्ट्रेशन ब्रिटेन में कराया गया था ताकि भारत में साइबर लॉ और पॉर्नोग्राफी के खिलाफ बने कानूनों से बचा जा सके. पुलिस जांच के मुताबिक राज कुंद्रा की कंपनी का लंदन की केरनिन कंपनी के बीच सांठगांठ थी. राज कुंद्रा पर आरोप है कि अश्लील फिल्मों की रिलीज के लिए एक ऐप भी बनवाया गया था. HotShots नाम के ऐप के जरिये पॉर्नोग्राफी परोसी जाती थी. इस ऐप के जरिये ऐसी फिल्मों का कारोबार होता था.
पॉर्न फिल्म बनने के बाद राज कुंद्रा की कंपनी वियान (Viaan) और उसके भाई की कंपनी केनरिन (kenrin) इसे मोबाइल ऐप पर उपलब्ध करवाती थी. पॉर्न फिल्मों का प्रेमोशन दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म से लेकर सोशल मीडिया तक पर किया जाता था. जिससे यूजर्स को इस ऐप की जानकारी मिले. ऐप द्वारा भारत में शूट हुआ पॉर्न परोसा जाता था जो कि भारत में बैन है.
पॉर्न से रोज़ लाखों कमाते थे कुंद्रा
Hotshots ऐप पर दिखने वाला फ्री भी होता था और पैसे भी लिए जाते थे. फ्री कंटेट देखने के लिए यूजर्स को उसमें आने वाले पॉपअप या दूसरी तरह के विज्ञापन भी देखने को मिलते थे जो ऐप की कमाई का एक और जरिया होता है. जो कंटेट फ्री नहीं होता था उसे लॉक रखा जाता था, जो सब्सक्रिप्शन लेने पर ही उपलब्ध होता था. सब्सक्रिप्शन लेने के बाद एड फ्री कंटेट देखने को मिलता था.
ऐप पर वीडियो को कई कैटेगरी में बांटा गया था. वीडियो के साथ मॉडल्स की न्यूड फोटो का सेक्शन भी था. लाइव शो से लेकर मॉडल्स के साथ चैट करने का भी ऑप्शन था. इस ऐप को फिलहाल डाउनलोड नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि इस तरह के ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या अन्य ऐप स्टोर पर नहीं मिलते. इन्हें इंटरनेट से डाउनलोड करना पड़ता है.
मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक कुंद्रा ने 18 महीने पहले ये धंधा शुरू किया. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान राज कुंद्रा का अश्लील फिल्मों का रैकेट खूब फला -फूला, जिसके चलते कुंद्रा को रोजाना लाखों की कमाई होती थी.
कुंद्रा का प्लान 'बी' भी था तैयार
पुलिस के मुताबिक अगर Hotshots ऐप बैन हो जाता तो इस सूरत में कुंद्रा का प्लान बी भी तैयार था. पुलिस के मुताबिक कुंद्रा जानते थे कि वो कानून की अनदेखी कर रहे हैं. पिछले साल गूगल प्लेस्टोर और एप्पल ने भी पॉर्न कंटेट परोसने के कारण Hotshots ऐप को बैन कर दिया था. जिसके बाद कुंद्रा ने 'प्लान बी बॉलीफेम' (Plan B Bollyfame) के नाम से एक और ऐप तैयार किया था. वॉट्सएप चैट के जरिये राज कुंद्रा के इस बैकअप प्लान का पता चला है. जिसमें Hotshots से अश्लील कंटेट हटाने की भी बात होती थी.
मुंबई क्राइम ब्रांच फिलहाल मामले की जांच में जुटी हुई है. कुंद्रा के जरिये इस 'गंदे धंधे' से जुड़े लोगों को तार भी खंगाले जा रहे हैं. रोज नए खुलासे हो रहे हैं जो पॉर्न की काली दुनिया का घिनौना सच को बेपर्दा कर रहे हैं.