भोपाल। शक्ति के पर्व नव दुर्गा में अब आपको बताते हैं एक ऐसा अनोखा दुर्गा मंदिर, जहां दान में पैसे, मिठाई, कपड़े नहीं लिए जाते, बल्कि भक्त यहां आरोग्य दान के रूप में सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप का दान करते हैं. भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित दुर्गा बाड़ी में पिछले तीन माह के दौरान करीबन 10 हजार सेनेटरी पैड का यहां दान किया जा चुका है. हेशेल फाउंडेशन द्वारा निर्मित यह देश का संभवतः पहला मंदिर है, जहां दान में सेनेटरी पैड लिए जाते हैं. दान में मिलने वाले इन सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियों को बांट दिया जाता है.
मंदिर में लिए जाते हैं तीन तरह के दान: मंदिर के संस्थापक सब्यसाची रॉय बताते हैं कि "मां के दरबार में भक्त दान के रूप में प्रसाद, फूल, साड़ी आदि के दान नहीं लिए जाते है. इसके स्थान पर तीन तरह के दान लिए जाते हैं. पहला, अन्न दान, इसमें मोटा अनाज जैसे गेहूं, दाल, चावल आदि का दान लिया जाता है. दूसरा विद्या दान, इसमें दानदाताओं से बच्चों की पढ़ाई के काम आने वाली किताबें, कॉपियां, पेन-पेंसिल और अन्य स्टेशनरी का सामान आदि. तीसरा आरोग्य दान, इसमें सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप का दान करते हैं. दान में मिलने वाले सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप को फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन भोपाल की मदद से भोपाल के गर्ल्स सरकारी स्कूलों में बांट दिया जाता है. इसके साथ ही स्कूलों में बच्चियों को हाईजीन को लेकर जागरूक किया जाता है.
अन्न को गरीब बस्तियों में बांटा जाता है: मंदिर में विद्यादान और अन्न दान के रूप में प्राप्त होने वाले अनाज और स्टेशनरी के सामान को झुग्गी बस्तियों के गरीब परिवारों में वितरित किया जाता है. वे कहते हैं कि मंदिर में दुर्गा पूजा तो की ही जाती है, लेकिन इसके साथ एक सामाजिक उद्देश्य को भी जोड़ा गया है. इसलिए हमने इसे पूजा विद पर्पज नाम दिया है. वे कहते हैं कि देश में सेनेटरी पैड को लेकर पिछले सालों में जागरूकता आई है, लेकिन अभी भी इसको लेकर समाज में बहुत काम करने की जरूरत है. मां दुर्गा के मंदिर के जरिए जागरूकता की अलख जगाने का काम किया जा रहा है.
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मंदिर में कोलकाता से बुलाकर स्थापित की प्रतिमा: नवरात्र में मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा भी अलग से स्थापित की गई है. इस प्रतिमा को कोलकाता के कुमारटुली से बुलाया गया है. यह इलाका दुर्गा की प्रतिमाओं के लिए मशहूर है. इस प्रतिमा को प्रसिद्ध महिला मूर्तिकार चाइना पॉल ने तैयार किया है. इस प्रतिमा को 1600 किलोमीटर की दूरी से सड़क मार्ग से भोपाल लगाया गया है. इस दुर्गा पूजा में उपयोग होने वाले सभी सामानों को महिलाओं द्वारा ही तैयार किया जाता है.