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राष्ट्रीय जनता दल में शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रित जनता दल का हुआ विलय

शरद यादव (Sharad Yadav) की पार्टी लोकतांत्रित जनता दल (Loktantrik Janta Dal ) का राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) में आज बिना शर्त विलय हो गया. कुछ दिन पहले ही दिल्ली में तेजस्वी यादव (Tejswi Yadav) से शरद यादव ने मुलाकात की थी, जिस दौरान उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए थे. शरद यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव अब राजनीतिक विरासत संभालेंगे.

Sharad Yadav merges his Loktantrik Janata Dal  with RJD
राष्ट्रीय जनता दल में शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रित जनता दल का हुआ विलय
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Published : Mar 20, 2022, 5:57 PM IST

नई दिल्ली : बिहार की राजनीति के दो बड़े नाम 25 साल के बाद फिर एक हो गए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) ने रविवार को घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (Loktantrik Janta Dal) का लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) में विलय हो गया है. जदयू (Janta Dal United) से अलग होकर उन्होंने 2018 में अपनी इस पार्टी का गठन किया था. जानकारी के अनुसार, वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है ताकि बिखरे हुए जनता परिवार को फिर एकजुट किया जा सके. दरअसल अभी यह अभी अनुमान लगाया जा रहा है कि, विलय होने के बाद राजद उन्हें राज्यसभा भेज सकता है. शरद यादव को हाइकोर्ट ने उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है.

बिहार में जुलाई महीने में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी, दो सीटें बीजेपी, एक सीट जदयू के पास जाएगी. दो सीटें आरजेडी के पास आएगी. पिछले साल अगस्त माह में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. हालांकि मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा था कि, शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है.

पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को तगड़ा झटका, खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

समाचार एजेंसी एएनआई ने शरद यादव के हवाले से लिखा कि राजद के साथ हमारी पार्टी का विलय विपक्षी एकता की ओर पहला कदम है. यह जरूरी है कि भारत भर में पूरा विपक्ष भाजपा को हराने के लिए एक हो जाए. फिलहाल, एकता स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है. इसके बाद ही हम सोचेंगे कि विपक्ष एकता का नेतृत्व कौन करेगा. इससे पहले बुधवार को भी यादव ने कहा था कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है. मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया. राजद नेता और बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शरद को पिता समान बताया था और कहा था कि भारतीय राजनीति में सभी लोग उनकी अहमियत जानते हैं.

नई दिल्ली : बिहार की राजनीति के दो बड़े नाम 25 साल के बाद फिर एक हो गए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) ने रविवार को घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (Loktantrik Janta Dal) का लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) में विलय हो गया है. जदयू (Janta Dal United) से अलग होकर उन्होंने 2018 में अपनी इस पार्टी का गठन किया था. जानकारी के अनुसार, वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है ताकि बिखरे हुए जनता परिवार को फिर एकजुट किया जा सके. दरअसल अभी यह अभी अनुमान लगाया जा रहा है कि, विलय होने के बाद राजद उन्हें राज्यसभा भेज सकता है. शरद यादव को हाइकोर्ट ने उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है.

बिहार में जुलाई महीने में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी, दो सीटें बीजेपी, एक सीट जदयू के पास जाएगी. दो सीटें आरजेडी के पास आएगी. पिछले साल अगस्त माह में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. हालांकि मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा था कि, शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है.

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समाचार एजेंसी एएनआई ने शरद यादव के हवाले से लिखा कि राजद के साथ हमारी पार्टी का विलय विपक्षी एकता की ओर पहला कदम है. यह जरूरी है कि भारत भर में पूरा विपक्ष भाजपा को हराने के लिए एक हो जाए. फिलहाल, एकता स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है. इसके बाद ही हम सोचेंगे कि विपक्ष एकता का नेतृत्व कौन करेगा. इससे पहले बुधवार को भी यादव ने कहा था कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है. मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया. राजद नेता और बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शरद को पिता समान बताया था और कहा था कि भारतीय राजनीति में सभी लोग उनकी अहमियत जानते हैं.

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