कोल्हापुर: शिवाजी महाराज के पुत्र शंभाजी महाराज को राकंपा नेता अजीत पवार के बयान के बाद राज्य में एक बड़ी बहस छिड़ गई है कि शंभाजी राजे स्वराज्य रक्षक हैं या धर्मवीर. इस पर राकंपा प्रमुख शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि छत्रपति शंभाजी महाराज को स्वराज्य का रक्षक कहने में कोई त्रुटि नहीं होगी.
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यह कहकर अजित पवार का समर्थन किया है कि शंभाजी महाराज ने स्वराज्य पर कई हमलों को विफल कर दिया था. 17वीं सदी के शासक छत्रपति संभाजी महाराज को धर्मवीर कहें या स्वराज्य रक्षक, जिसे जो कहना है कह सकता है लेकिन, महापुरुषों पर विवाद नहीं होना चाहिए.
अजित पवार बोले-अगर संभाजी महाराज के बारे में मेरी टिप्पणी द्रोह है तो मामला दर्ज करें: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को चुनौती दी कि अगर 17वीं सदी के मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में उनकी टिप्पणी द्रोह है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पवार को अपनी इस टिप्पणी के बाद आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि संभाजी महाराज स्वराज्य-रक्षक या उनके पिता शिवाजी महाराज द्वारा बनाए गए स्वतंत्र राज्य के रक्षक थे, न कि धर्मवीर, जैसा कि कुछ दक्षिणपंथी हिंदू समूहों द्वारा वर्णित किया जाता है. उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि यह कहना कि संभाजी महाराज 'धर्मवीर' नहीं थे, उनके विचारों से द्रोह और उनके साथ अन्याय करने के समान है.
फडणवीस के बयान के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि भाजपा नेता जो कुछ भी कहना चाहते हैं, कह सकते हैं. पवार ने कहा, "वे सत्ता में हैं. यदि आपको कोई द्रोह’ लगता है, तो मामला दर्ज करें। देखें, कि क्या यह कानूनी मामला बनता है. हमारे शरीर में अंतिम सांस तक छत्रपति (शिवाजी महाराज और उनके वंशजों) के विचारों से द्रोह करना संभव नहीं है.
हमारी दस पीढ़ियां भी उनके विचारों से द्रोह नहीं करेंगी.' उन्होंने पूछा, 'मैंने क्या अपराध किया है जो वे माफी की मांग कर रहे हैं?' पवार ने कहा कि शिवाजी महाराज के बारे में राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यारी), मंत्रियों और सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के विधायकों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है.
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इस बीच, पवार के यहां बारामती छात्रावास पहुंचने पर राकांपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. उनमें से कई ने अपनी मोटरसाइकिलों पर संभाजी महाराज को 'स्वराज्य-रक्षक' के रूप में संदर्भित करने वाले स्टिकर लगा रखे थे. मराठा राज्य के दूसरे छत्रपति (संप्रभु शासक) संभाजी महाराज ने 1681 से 1689 तक शासन किया.
(पीटीआई-भाषा)