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हिमाचल के हक पर पड़ोसी राज्यों की कुंडली, क्या अदालत की चौखट पर पहुंचेगा पंजाब के साथ जुड़ा शानन प्रोजेक्ट मामला? - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदर नगर स्थित शानन में बने विद्युत परियोजना की 99 साल की अवधि 2024 में खत्म होने वाली है. ऐसे में पंजाब सरकार काफी एक्टिव हो गई है. पंजाब सरकार अपना हक जता रही है, लेकिन सीएम सुक्खू ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. जानें पूरा मामला...

Shanan Power Project Joginder Nagar
शानन प्रोजेक्ट (फाइल फोटो).
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Published : Apr 8, 2023, 10:42 PM IST

Updated : Apr 9, 2023, 6:39 AM IST

शिमला: ब्रिटिश हुकूमत के समय से बहते पानी से सोना पैदा करने वाले शानन प्रोजेक्ट को लेकर अब पंजाब सरकार अड़ियल रुख अपनाती दिख रही है. हिमाचल के गठन के समय से ही पड़ोसी राज्य देवभूमि के हक पर कुंडली मारकर बैठे हैं. चाहे वो मामला बीबीएमबी (भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) से जुड़ी परियोजनाओं का हो या फिर चंडीगढ़ में हिस्सेदारी को लेकर अथवा पौंग बांध विस्थापितों की समस्या, हिमाचल को न्याय की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हिमाचल को बीबीएमबी परियोजनाओं में बकाया एरियर नहीं मिला है. अब नया मामला शानन प्रोजेक्ट को लेकर है.

दरअसल, 110 मैगावाट बिजली उत्पादन वाले इस प्रोजेक्ट से सालाना सौ करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है. ब्रिटिश हुकूमत के समय 1905 में मंडी के राजा के साथ एक समझौता हुआ था. उस समय शानन प्रोजेक्ट 99 साल की लीज पर था. लीज अवधि खत्म होने के बाद समझौते के अनुसार ये प्रोजेक्ट उसे मिलना था, जिस राज्य में ये जमीन है. पंजाब पुनर्गठन एक्ट के बाद इस प्रोजेक्ट पर हिमाचल का हक था, लेकिन मामला सुलझा नहीं. अब मार्च 2024 में लीज अवधि खत्म हो रही है. हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब के सीएम से मिलकर इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को वापस करने की बात कह चुके हैं.

Shanan Power Project Joginder Nagar
शानन प्रोजेक्ट (फाइल फोटो).

इसी बीच, पंजाब के विद्युत मंत्री हरभजन सिंह मंडी के जोगेंद्र नगर में शानन प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे. चूंकि इस समय शानन प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार का उपक्रम पंजाह स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड संचालित कर रहा है, लिहाजा प्रोजेक्ट का सारा लाभ पंजाब को मिलता है. पंजाब पुनर्गठन एक्ट के बाद 1966 से पंजाब सरकार इसे संचालित कर लाभ कमा रही है. पंजाब बेशक यहां से राजस्व जुटा रहा है, लेकिन परियोजना के रखरखाव पर पंजाब सरकार कोई ध्यान नहीं देती.

फिलहाल, विवाद के अदालत के चौखट पर पहुंचने के आसार बन गए हैं. कारण ये है कि पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने हाल ही में जोगेंद्र नगर में शानन पावर हाउस के निरीक्षण के दौरान कहा कि पंजाब सरकार इस परियोजना का संचालन कर रही है और ये 1966 के एक्ट के बाद पंजाब के हिस्से आया है. ऐसे में हिमाचल सरकार को इस प्रोजेक्ट को वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की नौबत आने वाली है.

हालांकि हिमाचल सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि शानन प्रोजेक्ट हिमाचल की धरती पर बना है और 99 साल की लीज अवधि खत्म होने के बाद ये देवभूमि को मिलेगा, लेकिन पंजाब सरकार के रवैये ने इस पर संशय खड़ा कर दिया है. कारण स्पष्ट है कि पंजाब सरकार भी इस कमाऊ पूत को अपने हाथ से नहीं जाने देगा. बेशक कानूनी नुक्ते से हिमाचल का दावा पुख्ता है, परंतु पंजाब सरकार अड़ियल रुख अपनाती नजर आ रही है. लीज अवधि खत्म होने का समय नजदीक आते देख पंजाब सरकार अत्यंत सक्रिय हो गई है. परियोजना की अनदेखी करने वाली पंजाब की सरकार अब कह रही है कि शानन पावर हाउस में स्टाफ की कमी दूर की जाएगी.

Shanan Power Project Joginder Nagar
शानन प्रोजेक्ट (फाइल फोटो).

वहीं, पंजाब का ऊर्जा विभाग दावा कर रहा है कि प्रोजेक्ट की मरम्मत पर 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है. अगले महीने के दूसरे पखवाड़े से विद्युत उत्पादन और बढ़ेगा. पंजाब सरकार खस्ताहाल हो चुके ट्रांसफार्मर बदल रही है. परियोजना के दो रनर भी बदले गए हैं. इस तरह ये स्पष्ट है कि लीज अवधि खत्म होने का समय पास आते ही पंजाब सरकार पावर हाउस व परियोजना से जुड़े अन्य कार्य जोर-शोर से कर रही है. पंजाब के ऊर्जा मंत्री ये संकेत दे चुके हैं कि इस पर पंजाब का हक है. ऐसे में हिमाचल सरकार को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार अपना हक पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

Read Also- शानन पावर प्रोजेक्ट: 2024 में खत्म होगा करार, हिमाचल को मिलेगा हक या फिर होगी पंजाब से तकरार ?

Read Also- शानन प्रोजेक्ट से मिलेगी खजाने को राहत, अगले साल हिमाचल का होगा ब्रिटिश हुकूमत के समय का पनबिजली घर

शिमला: ब्रिटिश हुकूमत के समय से बहते पानी से सोना पैदा करने वाले शानन प्रोजेक्ट को लेकर अब पंजाब सरकार अड़ियल रुख अपनाती दिख रही है. हिमाचल के गठन के समय से ही पड़ोसी राज्य देवभूमि के हक पर कुंडली मारकर बैठे हैं. चाहे वो मामला बीबीएमबी (भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) से जुड़ी परियोजनाओं का हो या फिर चंडीगढ़ में हिस्सेदारी को लेकर अथवा पौंग बांध विस्थापितों की समस्या, हिमाचल को न्याय की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हिमाचल को बीबीएमबी परियोजनाओं में बकाया एरियर नहीं मिला है. अब नया मामला शानन प्रोजेक्ट को लेकर है.

दरअसल, 110 मैगावाट बिजली उत्पादन वाले इस प्रोजेक्ट से सालाना सौ करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है. ब्रिटिश हुकूमत के समय 1905 में मंडी के राजा के साथ एक समझौता हुआ था. उस समय शानन प्रोजेक्ट 99 साल की लीज पर था. लीज अवधि खत्म होने के बाद समझौते के अनुसार ये प्रोजेक्ट उसे मिलना था, जिस राज्य में ये जमीन है. पंजाब पुनर्गठन एक्ट के बाद इस प्रोजेक्ट पर हिमाचल का हक था, लेकिन मामला सुलझा नहीं. अब मार्च 2024 में लीज अवधि खत्म हो रही है. हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब के सीएम से मिलकर इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को वापस करने की बात कह चुके हैं.

Shanan Power Project Joginder Nagar
शानन प्रोजेक्ट (फाइल फोटो).

इसी बीच, पंजाब के विद्युत मंत्री हरभजन सिंह मंडी के जोगेंद्र नगर में शानन प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे. चूंकि इस समय शानन प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार का उपक्रम पंजाह स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड संचालित कर रहा है, लिहाजा प्रोजेक्ट का सारा लाभ पंजाब को मिलता है. पंजाब पुनर्गठन एक्ट के बाद 1966 से पंजाब सरकार इसे संचालित कर लाभ कमा रही है. पंजाब बेशक यहां से राजस्व जुटा रहा है, लेकिन परियोजना के रखरखाव पर पंजाब सरकार कोई ध्यान नहीं देती.

फिलहाल, विवाद के अदालत के चौखट पर पहुंचने के आसार बन गए हैं. कारण ये है कि पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने हाल ही में जोगेंद्र नगर में शानन पावर हाउस के निरीक्षण के दौरान कहा कि पंजाब सरकार इस परियोजना का संचालन कर रही है और ये 1966 के एक्ट के बाद पंजाब के हिस्से आया है. ऐसे में हिमाचल सरकार को इस प्रोजेक्ट को वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की नौबत आने वाली है.

हालांकि हिमाचल सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि शानन प्रोजेक्ट हिमाचल की धरती पर बना है और 99 साल की लीज अवधि खत्म होने के बाद ये देवभूमि को मिलेगा, लेकिन पंजाब सरकार के रवैये ने इस पर संशय खड़ा कर दिया है. कारण स्पष्ट है कि पंजाब सरकार भी इस कमाऊ पूत को अपने हाथ से नहीं जाने देगा. बेशक कानूनी नुक्ते से हिमाचल का दावा पुख्ता है, परंतु पंजाब सरकार अड़ियल रुख अपनाती नजर आ रही है. लीज अवधि खत्म होने का समय नजदीक आते देख पंजाब सरकार अत्यंत सक्रिय हो गई है. परियोजना की अनदेखी करने वाली पंजाब की सरकार अब कह रही है कि शानन पावर हाउस में स्टाफ की कमी दूर की जाएगी.

Shanan Power Project Joginder Nagar
शानन प्रोजेक्ट (फाइल फोटो).

वहीं, पंजाब का ऊर्जा विभाग दावा कर रहा है कि प्रोजेक्ट की मरम्मत पर 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है. अगले महीने के दूसरे पखवाड़े से विद्युत उत्पादन और बढ़ेगा. पंजाब सरकार खस्ताहाल हो चुके ट्रांसफार्मर बदल रही है. परियोजना के दो रनर भी बदले गए हैं. इस तरह ये स्पष्ट है कि लीज अवधि खत्म होने का समय पास आते ही पंजाब सरकार पावर हाउस व परियोजना से जुड़े अन्य कार्य जोर-शोर से कर रही है. पंजाब के ऊर्जा मंत्री ये संकेत दे चुके हैं कि इस पर पंजाब का हक है. ऐसे में हिमाचल सरकार को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार अपना हक पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

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Last Updated : Apr 9, 2023, 6:39 AM IST
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