लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश का शीत मरुस्थल कहा जाने वाला लाहौल स्पीति जिला जो अपनी अनूठी जैव विविधता के चलते दुनिया में मशहूर है. वहीं, प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी इसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है. ऐसे में लाहौल स्पीति की यात्रा के लिए भी हर साल हजारों सैलानी घाटी का रुख करते हैं. सैलानियों को घाटी में रहने की बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए पालमपुर की शैलजा दासगुप्ता ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रयास किए और आज स्थानीय महिलाओं की सहभागिता के साथ होमस्टे का सफल संचालन स्पीति घाटी में किया जा रहा है. होमस्टे में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं.
हिमाचल के पालमपुर में रहने वाली सामाजिक उद्यमी शैलजा दासगुप्ता (Entrepreneur Shailja Dasgupta) के स्टार्टअप 'होमस्टे ऑफ इंडिया' (homestay of india) की शुरुआत स्पीति घाटी में पांच होमस्टे से हुई थी. इन दिनों शैलजा दिल्ली में रह रही हैं और अब 'होमस्टे ऑफ इंडिया' के पास भारत के 21 राज्यों में 100 से अधिक होमस्टे का नेटवर्क है और 5,000 से अधिक ग्राहकों की एक विविध रेंज है. साल 2010 में शैलजा ने पहली उद्यमी यात्रा की और एक ट्रैवल स्टार्टअप 'चलो लेट्स गो' की स्थापना की. शैलजा के पूरे भारत के स्थानीय समुदायों के साथ मजबूत संबंध थे और उन्होंने अपने स्टार्टअप के लिए कई स्थानीय लोगों को यात्रा गाइड के रूप में नियुक्त किया.
शैलजा ने कम प्रभाव वाले इको-टूरिज्म पर ध्यान केंद्रित किया. होमस्टे इकोनॉमी को औपचारिक रूप देने के लिए शैलजा और उनके साथी ने अप्रैल 2017 में 'होमस्टे ऑफ इंडिया' की स्थापना की, जिसमें हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में पांच होमस्टे थे. आज, स्टार्टअप भारत के 21 राज्यों में 100 से अधिक होमस्टे का पूर्ण नेटवर्क विकसित हो गया है. इससे पहले शैलजा गूगल और मैकिन्से एंड कंपनी के साथ काम करती थीं. उन्होंने एक दशक से अधिक समय के बाद लेखन और यात्रा के अपने एक जुनून की ओर रुख किया है. वह कई मशहूर दैनिक समाचार पत्रों सहित विभिन्न प्रकाशनों में अपने यात्रा वृतांत से योगदान देती हैं.
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शैलजा ने बताया कि वो उनके ट्रैवेल फोटोग्राफर साथी विनोद वर्मा एक ग्रुप के साथ स्पीति घाटी की यात्रा पर थे. पिन घाटी के अंतिम गांव मुध में एक घर में रुकने के दौरान उन्हें इस स्टार्टअप का आइडिया आया. उन्होंने लोगों को आतिथ्य के इस स्टार्टअप के संचालन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने और इस कारोबार के संचालन के लिए प्रशिक्षित करने में मदद की कुछ और यात्रा और शोध के बाद उन्होंने एक सरल मंच बनाया, जो होम स्टे को सांस्कृतिक अनुभव की तलाश करने वाले यात्रियों से जोड़ता है. यह स्टार्टअप घर की महिलाओं को कारोबार का स्वामित्व लेने और स्वतंत्र रूप से अपने वित्त का प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
शैलजा ने बताया कि वो और उनके साथ विनोद ने समान विचारधारा वाले भागीदारों की तलाश शुरू की, जो स्टार्टअप की इस अवधारणा और सह-संस्थापक की दृष्टि को समझते हैं. अनुभवी उद्यमी सुदीप्तो मित्रा (Entrepreneur Sudipto Mitra) के साथ एक अनौपचारिक भेंट में विस्तार योजनाओं की चर्चा के बाद इस स्टार्टअप के सह-संस्थापकों ने दिसंबर 2019 में कोलकाता स्थित जोई केयर से धनराशि प्राप्त की. इस स्टार्टअप के संचालकों के पास अब 5,000 से अधिक ग्राहकों की एक विविध रेंज है. जिसमें छात्र, युवा एकल-यात्री और पर्यटक, परिवार शामिल हैं,जो छुट्टियों के दौरान गुणवत्तापूर्वक समय बिताना चाहते हैं.
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शैलजा का कहना है कि वे लोग स्थानीय ग्रामीण परिवारों को होमस्टे संचालन व मेहमानों के आवभगत के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं. उनका यह स्टार्टअप इस स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण में भी अहम भूमिका अदा कर रहा है.