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आतंकवाद के शिकार कश्मीरी पंडितों की याद में स्मारक की नींव रखी गयी

कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने अपने समुदाय के उन सदस्यों की याद में यहां तवी नदी के तट पर एक स्मारक की आधारशिला रखी है जो पिछले तीन दशक के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के शिकार बने.

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Published : Sep 15, 2021, 10:54 PM IST

कश्मीरी पंडितों की याद
कश्मीरी पंडितों की याद

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हुए कश्मीरी पंडितों की याद में एक स्मारक की आधारशिला रखी गई है. इसके निर्माण से जुड़े एक समूह ने कहा कि सेना के युद्ध स्मारक की तरह बनने वाला 'शहीद स्मारक' जम्मू में सबसे बड़ा नागरिक स्मारक होगा. माता भद्रकाली स्थापन ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप पंडित ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण घाटी से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के 31 साल पूरे होने पर माता भद्रकाली ट्रस्ट ने 1990 से आतंकवादियों द्वारा मारे गए कश्मीरी पंडितों की याद में पहले ऐसे स्मारक की नींव रखी है.

उन्होंने कहा कि मंगलवार को नींव रखे जाने के साथ ही परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है.

परियोजना के प्रभारी राज कुमार ने बताया कि यह तवी नदी के तट पर थलवाल में तीन एकड़ भूमि पर बन रहा है और स्मारक में मृतकों के नाम और तारीख का जिक्र किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्मारक में समुदाय के उन सदस्यों के भी नाम होगे जो 1947 में पहले भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से मारे गए थे.

पढ़ें- नई फिल्म नीति : क्या संभव होगा कश्मीर घाटी में बंद पड़े सिनेमाघरों का कायाकल्प ?

कुमार ने कहा कि इसमें प्राचीन पांडुलिपियों और पुस्तकों, चित्रों सहित साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक संग्रहालय और पुस्तकालय भी होगा. यह प्राचीन कश्मीर और इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा.

भाजपा के पूर्व विधायक अजय भारती ने कहा, 'यह कश्मीरी हिंदुओं का 'राजघाट' होगा... यह एक साल के रिकॉर्ड समय में तैयार होगा.'

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हुए कश्मीरी पंडितों की याद में एक स्मारक की आधारशिला रखी गई है. इसके निर्माण से जुड़े एक समूह ने कहा कि सेना के युद्ध स्मारक की तरह बनने वाला 'शहीद स्मारक' जम्मू में सबसे बड़ा नागरिक स्मारक होगा. माता भद्रकाली स्थापन ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप पंडित ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण घाटी से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के 31 साल पूरे होने पर माता भद्रकाली ट्रस्ट ने 1990 से आतंकवादियों द्वारा मारे गए कश्मीरी पंडितों की याद में पहले ऐसे स्मारक की नींव रखी है.

उन्होंने कहा कि मंगलवार को नींव रखे जाने के साथ ही परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है.

परियोजना के प्रभारी राज कुमार ने बताया कि यह तवी नदी के तट पर थलवाल में तीन एकड़ भूमि पर बन रहा है और स्मारक में मृतकों के नाम और तारीख का जिक्र किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्मारक में समुदाय के उन सदस्यों के भी नाम होगे जो 1947 में पहले भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से मारे गए थे.

पढ़ें- नई फिल्म नीति : क्या संभव होगा कश्मीर घाटी में बंद पड़े सिनेमाघरों का कायाकल्प ?

कुमार ने कहा कि इसमें प्राचीन पांडुलिपियों और पुस्तकों, चित्रों सहित साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक संग्रहालय और पुस्तकालय भी होगा. यह प्राचीन कश्मीर और इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा.

भाजपा के पूर्व विधायक अजय भारती ने कहा, 'यह कश्मीरी हिंदुओं का 'राजघाट' होगा... यह एक साल के रिकॉर्ड समय में तैयार होगा.'

(पीटीआई-भाषा)

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