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Dantewada naxal Attack : देश सेवा की मिसाल है शहीद राजूराम करटम - Dantewada naxal Attack

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक बार फिर नक्सलियों ने खूनी खेल खेला है. आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी के दस जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले में वाहन का ड्राइवर भी नहीं बचा . दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में डीआरजी के गोपनीय सैनिक राजूराम करटम भी शहीद हुए हैं.

Dantewada naxal Attack
देश सेवा की मिसाल है शहीद राजूराम करटम
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Published : Apr 27, 2023, 7:08 PM IST

रायपुर /दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट करके कायराना हरकत की है. इस ब्लास्ट में सर्चिंग से लौट रहे 10 जवान शहीद हो गए.शहीदों में एक नाम राजूराम करटम का भी है, जो डीआरजी में गोपनीय सैनिक के पद पर तैनात थे. राजूराम ने कई नक्सली हमलों को नाकाम किया है.साथ ही साथ राजूराम नक्सलियों के खिलाफ मुस्तैदी से लड़े भी हैं.

Dantewada naxal Attack
देश सेवा की मिसाल है शहीद राजूराम करटम

नक्सलियों को चटाई है धूल : शहीद राजूराम करटम कई मोर्चों में नक्सलियों को धूल चटाई है. डीआरजी में उनके पराक्रम की भी चर्चा हमेशा ही होती रही है. कई मुठभेड़ में राजूराम करटम ने बेखौफ होकर नक्सलियों के गढ़ में जाकर हार्डकोर नक्सलियों को दबोचकर लाया है.लेकिन नक्सलियों ने अपनी कायराना हरकत का प्रदर्शन करते हुए 26 अप्रैल को बड़ी घटना को अंजाम दे दिया. जिसमें राजूराम करटम अपने दस साथियों के साथ शहीद हो गए. उनकी शहादत के बाद से न केवल गांव में मातम छाया है बल्कि उनके साथियों का भी हाल बुरा है.

ये भी पढ़ें- दंतेवाड़ा नक्सल हमले का वीडियो वायरल

कौन थे शहीद राजूराम करटम : राजूराम करटम गोपनीय सैनिक के पद पर तैनात थे. पिता का नाम हिड़मा राम करटम और मां का नाम धन्नी करटम है.घर पर एक बड़ा भाई जोगा करटम भी है. साथ ही साथ पत्नी रेशमा करटम और बेटा याशवान करटम की जिम्मेदारी राजूराम पर थी. 12 अगस्त 1988 को जन्में राजूराम करटम ने 10 मार्च 2022 को डीआरजी में गोपनीय सैनिक की शपथ ली थी.26 अप्रैल को हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीदों में राजूराम करटम का भी नाम शुमार है.

रायपुर /दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट करके कायराना हरकत की है. इस ब्लास्ट में सर्चिंग से लौट रहे 10 जवान शहीद हो गए.शहीदों में एक नाम राजूराम करटम का भी है, जो डीआरजी में गोपनीय सैनिक के पद पर तैनात थे. राजूराम ने कई नक्सली हमलों को नाकाम किया है.साथ ही साथ राजूराम नक्सलियों के खिलाफ मुस्तैदी से लड़े भी हैं.

Dantewada naxal Attack
देश सेवा की मिसाल है शहीद राजूराम करटम

नक्सलियों को चटाई है धूल : शहीद राजूराम करटम कई मोर्चों में नक्सलियों को धूल चटाई है. डीआरजी में उनके पराक्रम की भी चर्चा हमेशा ही होती रही है. कई मुठभेड़ में राजूराम करटम ने बेखौफ होकर नक्सलियों के गढ़ में जाकर हार्डकोर नक्सलियों को दबोचकर लाया है.लेकिन नक्सलियों ने अपनी कायराना हरकत का प्रदर्शन करते हुए 26 अप्रैल को बड़ी घटना को अंजाम दे दिया. जिसमें राजूराम करटम अपने दस साथियों के साथ शहीद हो गए. उनकी शहादत के बाद से न केवल गांव में मातम छाया है बल्कि उनके साथियों का भी हाल बुरा है.

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कौन थे शहीद राजूराम करटम : राजूराम करटम गोपनीय सैनिक के पद पर तैनात थे. पिता का नाम हिड़मा राम करटम और मां का नाम धन्नी करटम है.घर पर एक बड़ा भाई जोगा करटम भी है. साथ ही साथ पत्नी रेशमा करटम और बेटा याशवान करटम की जिम्मेदारी राजूराम पर थी. 12 अगस्त 1988 को जन्में राजूराम करटम ने 10 मार्च 2022 को डीआरजी में गोपनीय सैनिक की शपथ ली थी.26 अप्रैल को हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीदों में राजूराम करटम का भी नाम शुमार है.

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