नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच से पता चला है कि खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पूरे भारत में भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी अपराधों और गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबरस्पेस का दुरुपयोग कर रहा है.
एनआईए की वेब ट्रैकिंग टीम को इस बात के विश्वसनीय प्रमाण मिले हैं कि एसएफजे नए भर्ती हुए युवाओं से जुड़ने और उन्हें निर्देश देने के लिए सोशल मीडिया टूल का उपयोग कर रहा है.
जांच से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'हां, हमें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि एसएफजे भोले-भाले युवाओं को भर्ती करने के लिए फेसबुक, टेलीग्राम और अन्य चैनलों जैसे सोशल मीडिया टूल का इस्तेमाल कर रहा है.' वास्तव में, एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को कई मौकों पर दुनिया भर में अन्य खालिस्तानी समर्थकों तक पहुंचने के लिए फेसबुक का उपयोग करते हुए पाया गया है. अधिकारी ने कहा कि 'पन्नू को फेसबुक की मदद से कई समुदायों में नफरत फैलाते हुए पाया गया था.'
एसएफजे और पन्नू के मामले को आगे बढ़ाते हुए, एनआईए ने एक ताजा डोजियर भी तैयार किया है जो दर्शाता है कि खालिस्तानी आतंकवादी नेता भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को संगठित करने और उन्हें भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने की भी कोशिश कर रहा है. डोजियर के मुताबिक, पन्नू पूरे भारत में धार्मिक आधार पर कई छोटे राज्य बनाने की कोशिश कर रहा था.
एनआईए ने हाल ही में खालिस्तान समर्थक संगठनों और विदेशों में स्थित उसके नेताओं के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर दी है. भारत सरकार द्वारा 10 जुलाई, 2019 को अधिसूचना संख्या S.O.2469 (E) के माध्यम से सिख फॉर जस्टिस को एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया था.
पन्नू को 2020 में भारत सरकार द्वारा 'नामित व्यक्तिगत आतंकवादी' भी घोषित किया गया था. वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से पंजाब स्थित गैंगस्टरों और युवाओं को संप्रभुता को चुनौती देते हुए खालिस्तान के स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ने के लिए उकसा रहा है.
एनआईए डोजियर में कहा गया है कि हाल के दिनों में, पन्नू सार्वजनिक मंचों पर वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों और सरकारी पदाधिकारियों को ज़बरदस्त धमकियां जारी करने के लिए चर्चा में रहा है. उसने कुछ दिनों पहले कनाडाई हिंदुओं को धमकी भी दी थी, उन्हें कनाडा छोड़ने के लिए कहा था और दावा किया था कि उन्होंने भारत का पक्ष लेकर 'अंधराष्ट्रवादी दृष्टिकोण' अपनाया है.
दो दिवसीय बैठक 5 अक्टूबर से : खालिस्तानी आतंकवाद के उभरते खतरे की पृष्ठभूमि में, आईबी, रॉ, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ भारत भर के राज्यों की आतंकवाद विरोधी इकाइयों के प्रमुख 5 और 6 अक्टूबर को दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में बैठक कर रहे हैं.
कार्यक्रम का आयोजन गृह मंत्रालय (एमएचए) की देखरेख में एनआईए द्वारा किया जा रहा है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इस संवाददाता को बताया कि बैठक में भारत भर में खासकर पंजाब, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में खालिस्तानी अलगाववादियों और समर्थकों के खिलाफ एकजुट और नए सिरे से हमला शुरू करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर, असम और क्षेत्र के अन्य हिस्सों सहित अन्य राज्यों में खालिस्तानी आंदोलन के संभावित प्रभाव पर भी चर्चा होगी. सम्मेलन में विदेशों में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करने की रणनीतियों पर भी चर्चा होगी.
एनआईए ने पहले ही 19 खालिस्तानी आतंकियों की सूची तैयार कर ली है जो एजेंसी के रडार पर हैं. एजेंसी भारत में इन खालिस्तानी आतंकियों की संपत्तियों को जब्त करने की भी योजना बना रही है. जो आतंकवादी एनआईए के रडार पर हैं उनमें परमजीत सिंह पम्मा (यूके), बधवा सिंह (बब्बर चाचा) (पाकिस्तान), जेएस धालीवाल यूएसए) शामिल हैं.
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