चेन्नई: मिचौंग चक्रवात का असर अब कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. इससे सबसे अधिक नुकसान चेन्नई में हुआ है. भीषण तूफान और भारी बारिश के चलते हालात बदतर हो गए. सैकड़ों पेड़ उखड़ गए. करंट पानी में उतर आया. अलग-अलग इन घटनाओं में कुल आठ लोगों की जान चली गई जबकि 15 से अधिक लोग घायल हो गए. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मिचौंग चक्रवात के कारण चेन्नई के अधिकांश इलाकों में जलभराव हो गया. भीषण चक्रवात के कारण करंट लगने की घटनाएं सामने आई. राहत बचाव कार्य जोरों पर है. सड़कों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के चलते यातायात जाम की समस्या से लोगों को परेशानी हुई. जानकारी के अनुसार जीसीसी, अन्य जिला निगम, टीएनएसडीएमए कर्मचारियों और निजी स्वयंसेवकों की मदद से स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है.
एक अज्ञात व्यक्ति (उम्र 70 वर्ष) का शव वैद्यनाथन फ्लाईओवर (एच-5 न्यू वाशरमेनपेट पीएस सीमा) के पास प्लेटफॉर्म पर मृत पाया गया. उसके शव को सरकारी स्टेनली अस्पताल भेजा गया. डिंडीगुल जिले के रहने वाले पद्मनाभन (उम्र 50), सेंथुराई, नत्थम की मौत करंट लगने से हुई. उसकी मौत लोन स्क्वायर रोड पर हुई. बेसेंट नगर के मुरुगन (35 वर्ष) की बेसेंट नगर में पेड़ गिरने से मौत हो गई.
फोरशोर एस्टेट बस डिपो में लगभग 60 साल की एक अज्ञात महिला का एक और शव मिला. इसके शव को जीआरएच भेज दिया गया. दुरईपक्कम के गणेशन (उम्र 70 वर्ष) सेल्वा विनयगर कोविल स्ट्रीट पर अपने घर के पास सड़क पर चलते समय बिजली की चपेट में आ गए. पांडियन नगर नोचिकुप्पम के भरत (53 वर्ष) की एलायम्मन कोविल स्ट्रीट नोचिकुप्पम में दीवार गिरने से मौत हो गई.
सेल्वम (उम्र 50) चूलैमेडु स्कूल परिसर अंदर बारिश के पानी में मृत पाया गया. वह सरकारी स्कूल में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था. शव को केएमसी अस्पताल भेजा गया. ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक अन्य घटना में असम के रहने वाले मिराजुल इस्लाम (19 वर्ष) की सुबह मिर्गी के कारण मृत्यु हो गई.
वह कोट्टूरपुरम कॉर्पोरेशन स्कूल के राहत शिविर में रुका था. अब तक तीन कर्मचारियों को बचाया गया है. एनडीआरएफ, टीएनएफ राहत बचाव अभियान चला रहे हैं. एमजी रोड अड्यार में दोपहर 3.00 बजे बारिश के पानी में डूबे घरों से एक परिवार के तीन सदस्यों को बचाया गया. एन-3 मुथियालपेट पीएस सीमा में बीआरएन गार्डन से 54 परिवारों को बचाया गया. अपने नवजात शिशु के साथ एक मां को दशरथपुरम से बचाया गया.