देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में आज एक बार फिर से एक हेलीकॉप्टर क्रैश होने से 7 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे के बाद फिर सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिरकार क्यों नियम कायदे ताक पर रखकर और मौसम खराब होने के बावजूद भी लगातार यात्रियों को लेकर हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी और अन्य हेलीपैड से केदारनाथ उतार रहे हैं. ऐसे हादसों की फेहरिस्त में ये पहली घटना नहीं है. इसी साल 31 मई को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जब केदारनाथ में हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग करवाई गई थी. आपको बताते हैं कि अबतक कितने हेलीकॉप्टर केदारनाथ में क्रैश हुए हैं.
2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सर्विस देने वाली कंपनियों की बाढ़ सी आ गई थी. जिसके बाद यात्रियों को भी सुविधा देने के मकसद से यहां पर हेलीपैड और अन्य सुविधाओं को भी बढ़ाया गया. लेकिन 2013 की आपदा के बाद से अबतक 6 हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. इनमें वायुसेना का एक MI-17 और चार प्राइवेट हेलीकॉप्टर शामिल हैं. जिस वक्त केदारनाथ का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था उस वक्त MI-17 वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें वायुसेना के 20 अधिकारियों की मौत हो गई थी और इसी हादसे में दो प्राइवेट पायलटों की भी मौत हुई थी. इससे पहले और बाद में अब तक 4 और हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं.
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इस सभी हादसों का मुख्य कारण भी खराब मौसम में उड़ान भरना बताया गया था. साल 2013 में 21 जून को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया था. इस घटना को 4 दिन बाद ही 25 जून 2013 को ही एक सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. फिर 24 जुलाई 2013 को केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ, जिसमें एक पायलट और एक इंजीनियर की मौत हुई थी. जबकि 3 अप्रैल 2018 को एक सेना का हेलीकॉप्टर बिजली के तार में उलझकर क्रैश हुआ था. हालांकि इस घटना में सभी लोग सुरक्षित बच गए थे.
अबतक हुई इन तमाम घटनाओं में 29 (7 वर्तमान घटना) लोगों की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं, 31 मई 2022 को भी एक हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाल-बाल बचा था. इसका सीसीटीवी फुटेज उस वक्त सामने आया था जब केदारनाथ में हेलीकॉप्टर लैंड कर रहा था.