भोपाल : मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लगातार दावे कर रही है कि राजधानी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और रेमडिसिवर इंजेक्शन भी पर्याप्त है. सरकार के इन दावों के उलट प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी से कई कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया.
घटना पीपुल्स हाॅस्पिटल की है, जहां ऑक्सीजन की कमी से 5 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया. वहीं एक महिला वकील की बहन कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुई, जिसकी हालत पिछले तीन दिनों से बेहद गंभीर है. उसके परिजन प्रशासन से रेमडिसिवर इंजेक्शन के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन उसे इंजेक्शन नहीं दिया गया.
पीपुल्स हाॅस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 5 मौतें
बताया जा रहा है कि पीपुल्स हाॅस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना के पांच मरीजों ने दम तोड़ दिया. सूत्रों के मुताबिक हाॅस्पिटल में सुबह ऑक्सीजन की कमी हो गई. पीपुल्स मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅ. अनिल दीक्षित ने लिखित बयान में कहा है कि सुबह ऑक्सीजन के दवाब कम होने के कारण इसकी उपलब्धता में कुछ समय के लिए कमी आई थी, जिसको थोड़े ही समय में ठीक कर दिया गया था.
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महिला वकील रेमडेसिविर के लिए तीन दिन भटकी
भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन का पर्याप्त स्टाॅक के दावे किए गए, लेकिन महिला वकील की जान बचाने बहन 3 दिनों तक ड्रग इंस्पेक्टर से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर काटती रही. आखिरकार महिला वकील पुष्पा मिश्रा ने दम तोड़ दिया.
पुष्पा मिश्रा की बहन लता मिश्रा ने बहन की जिंदगी बचाने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर केएल अग्रवाल से लेकर अपर कलेक्टर माया अवस्थी, अंकिता त्रिपाठी और कलेक्टर तक को कई बार काॅल किए, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल सका. उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर केएल अग्रवाल को मैसेज कर बहन की जिंदगी की भीख तक मांगी. लेकिन साहब ने कहा वे खुद पाॅजीटिव हो गए हैं.