रांचीः हजारीबाग और गिरिडीह जिले के 33 मजदूर साउथ अफ्रीका के माली कमाने गए थे. लेकिन मजदूरों के साथ किए एग्रीमेंट से कंपनी मुकर गई. इससे माली में मजदूरों को काफी परेशानी होने लगी. परेशान मजदूरों ने अपनी परेशानी बताते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया और राज्य और केंद्र सरकार से घर वापसी की गुहार लगाई. इसके बाद राज्य के श्रम विभाग हरकत में आई तो शनिवार को माली में फंसे 33 मजदूरों में से सात मजदूर की घर वापसी हुई है.
16 जनवरी को सोशल मीडिया के माध्यम से सभी मजदूरों ने भारत सरकार और झारखंड सरकार को संदेश भेज कर वापस बुलाने की मांग की थी. श्रम मंत्री कार्यालय की ओर से संज्ञान लेते हुए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश दिया कि शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की ओर से मजदूरों का सत्यापन किया गया. मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में काम करने के लिए ले गया था. इन मजदूरों को 29,725 रुपये प्रतिमाह देने की बात हुई थी. लेकिन ठेकेदार भारत लौट गया और तीन महीने से एक भी रुपया नहीं मिल रहा था.
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की ओर से कंपनी के कंट्री हेड और मैनेजर से संपर्क कर मजदूरों की समस्या पर बात की और इन मजदूरों को खाने पीने की व्यवस्था सुनिश्चित की. इसके साथ ही वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया. इतना ही नहीं, माली स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क किया गया. इसके बाद कंपनी, ठेकेदार और मजदूरों के बीच समझौता हुआ.
ये भी पढ़ें- तालिबान पत्रकारों को दे रहा जुबान काटने की धमकी
कंपनी के साथ समझौता
अक्टूबर और नवंबर 2021 का वेतन कंपनी द्वारा दिया जायेगा
वेतन प्रति व्यक्ति 750 डॉलर दिए जाएंगे और मजदूर के अकाउंट में डाले जाएंगे
कंपनी माली से रांची तक की फ्लाइट की टिकट मुहैया कराएगी
जब तक टिकट नहीं मिलती है, तब तक मजदूरों के सारी जरूरतों को कंपनी पूरा करेगी.
वापस आए मजदूरों की सूची
दिलीप कुमार
छेदीलाल महतो
संतोष महतो
लालमणि महतो
इंद्रदेव ठाकुर
लोकनाथ महतो
इंद्रदेव प्रसाद
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के काउंसलर रोशनी हांसदा ने कहा कि 6 फरवरी को मजदूरों का दूसरा समूह माली के बमाको से झारखंड के लिए रवाना होंगे. इसके बाद उन्होंने कहा कि माली से भारत के लिए उड़ान कम है. इस स्थिति में धीरे धीरे सभी मजदूर घर वापस आएंगे.