श्रीनगर: तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन और अलगाववादी नेता मुहम्मद अशरफ सेहराई का आज जम्मू के एक अस्पताल में निधन हो गया. सांस की गंभीर समस्या के चलते उनको कल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह 80 वर्ष के थे.
पिछले साल जुलाई से उधमपुर की कोट भलवाल जेल में बंद अशरफ सेहराई को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. बता दें, हुर्रियत नेता को पिछले साल जुलाई 2020 में जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में उनके निवास से गिरफ्तार किया था और उधमपुर जेल में बंद कर दिया. सेहराई कश्मीरी अलगाववादी नेता और तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष हैं.
वह हुर्रियत के इतिहास में पहली बार हुए चुनाव के माध्यम से चेयरमैन चुने गए थे. उन्हें 1959 में सैयद अली शाह गिलानी के सहयोगी बनाया गया था. 1965 में सेहराई सरकार विरोधी गतिविधियों के कारण पहली बार जेल गए थे.
मुहम्मद अशरफ सेहराई के परिवार ने बताया कि उनके स्वास्थ्य बिगड़ने के बारे में मंगलवार को जानकारी दी गयी थी और कहा गया कि उन्हें जम्मू के जीएमसी में भर्ती कराया जा रहा है. परिवार के सदस्यों को फौरन वहां आने के लिए भी कहा गया. परिजनों ने कहा कि सेहराई पिछले कुछ हफ्तों से अस्वस्थ थे और फिर भी प्रशासन ने उन्हें जेल में रखा. बता दें, तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष मुहम्मद अशरफ सेहराई का बेटा हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था. जिसकी मई 2020 में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी.
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ताजा जानकारी के अनुसार हुर्रियत नेता का शव अभी तक परिवार को सौंपा नहीं गया है और शव के लिए वे जम्मू में इंतजार कर रहे हैं.