नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः पाकिस्तान से आई सीमा गुलाम हैदर ने UP एटीएस की पूछताछ के बाद शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की. पुलिस की मौजूदगी में सीमा ने कहा कि मैं अब भारत की बहू हूं और मैं यहीं पर रहना चाहती हूं. मेरा पाकिस्तान से कोई मतलब नहीं है. इसके साथ ही सीमा ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजकर भारत में रहने की मांग की है.
उसने कहा कि मेरी जिंदगी सचिन के लिए है. मैं भारत की जेल में जिंदगी गुजार दूंगी, लेकिन पाकिस्तान नहीं जाऊंगी. मैंने सिर्फ एक गुनाह किया है नेपाल से भारत आई हूं. यूपी एटीएस के पूछताछ के सवाल पर सीमा ने कहा कि वह बड़े लोग थे, इसलिए सारे सवाल भी बड़े थे. 6 पासपोर्ट में 4 बच्चों के है. एक पासपोर्ट खारिज हो चुका है और एक मेरा है. मैंने बताया कि मेरे पास कोई फर्जी पासपोर्ट नहीं है. जिंदगी में बचपन से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ, सारी जानकारी मैंने एटीएस को दे दी है.
राष्ट्रपति के पास 38 पेज की याचिकाः सीमा गुलाम हैदर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 38 पेज की दया याचिका भेजी है. इसमें उसने बच्चों के साथ भारत में रहने की इजाजत मांगी है. सीमा के वकील एपी सिंह ने दया याचिका भेजी है. इसमें उसने अपना नाम सीमा मीणा पत्नी सचिन मीणा लिखा है. दया याचिका के साथ सचिन के साथ नेपाल में की शादी की तस्वीरें भी लगाई है.
यहां का कानून निराश नहीं करेगाः मीडिया से बातचीत करते हुए उसने कहा कि यहां बहुत उम्मीद लेकर आई हूं. यहां का कानून निराश नहीं करेगा, हमें इस बात का विश्वास है. उसने कहा कि वह भारत की बेटी और भारत की बहू है. पाकिस्तान मेरे लिए अब दूसरा देश है. इसीलिए वह किसी भी कीमत पर पाकिस्तान नहीं जाउंगी. वहीं, सचिन ने भी सीमा को भारत में रहने मांग की है. उसने कहा कि हम दोनों ने शादी की है और अब हम दोनों की जिंदगी बर्बाद ना हो, इसलिए हम दोनों एक साथ रहना चाहते हैं.
ATS को नहीं मिला है पुख्ता सबूतः सूत्रों के अनुसार, सीमा गुलाम हैदर जासूस है या नहीं? एटीएस को दो दिन की पूछताछ में इसका कोई भी सबूत हाथ नहीं लगा है. ऐसे में अब उसे पाकिस्तान भेजने की तैयारी है, क्योंकि सीमा पर जो आरोप है वह अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ का है. इस तरह के मामलों में 5 से 7 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की बजाय आरोपी को उसके देश वापस भेजा जाता है. अगर सीमा को वापस भेजा गया तो पाकिस्तान में वहां के लोगों के हिसाब से उस पर कार्रवाई हो सकती है.
नोएडा पुलिस तैयार कर रही चार्जशीटः नोएडा पुलिस कोर्ट में चार्जशीट लगाने के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है. पुलिस के पास मुकदमा दर्ज होने के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 दिन का समय होता है. बताया जा रहा है कि यूपी पुलिस एटीएस की रिपोर्ट के आधार पर चार्जशीट में धाराओं में इजाफा कर सकती है. नोएडा पुलिस ने सीमा गुलाम हैदर पर फॉरेनर्स एक्ट सेक्शन 14 और 120 भी लगाया था. इन दोनों धाराओं में 5 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसीलिए कोर्ट से सीमा और सचिन को आसानी से जमानत मिल गई, लेकिन पुलिस चार्जशीट दाखिल करते समय धाराओं में बढ़ोतरी कर सकती है. यदि पुलिस ने चार्जशीट में धाराएं बढ़ाई तो सीमा और सचिन को मिली जमानत रद्द हो जाएगी.
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