श्रीनगर : सभी श्रद्धालु बिना डर के अमरनाथ यात्रा (amarnath yatra) पर आएं इसके लिए सरकार हर संभव प्रयात कर रही है. यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पांच लेयर में होगी. सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 300 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी. इनके अलावा सेना की 10-15 कंपनियां भी यात्रा मार्गों पर तैनात रहेंगी. कश्मीर में पहले से मौजूद सुरक्षाबल आतंकरोधी अभियान चलाएंगे ताकि आतंकी किसी भी तरह से श्रद्धालुओं और यात्रा मार्गो के आसपास भी न पहुंच पाएं.
पहली बार हर व्यक्ति की कलाई पर होगा आरएफआईडी : गृह मंत्रालय ने सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए वाहन पर ही नहीं बल्कि हर शख्स की कलाई पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रैंक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस) माइक्रो-चिप के साथ कलाई बैंड दिया जाएगा. यह विभिन्न स्थानों पर स्थापित उपग्रह टावरों से जुड़ा रहेगा. इसके कारण कोई भी यात्री सुरक्षा एजेंसियों की निगाह से ओझल नहीं हो पाएगा. भक्तों के साथ-साथ उन्हें ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर सैटेलाइट, जीपीआरएस, माइक्रोचिप्स और आरएफआइडी चिप की मदद से संबंधित कंट्रोल रूम से नजर रखी जाएगी.
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300 अतिरिक्त कंपनियां होंगी तैनात : गृह मंत्रालय इस तीर्थ यात्रा के लिए मौजूदा सुरक्षा बल के साथ साथ कई परतों में केंद्रीय बलों की 300 से अधिक सुरक्षा कंपनियां तैनात कर रहा है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या सीआरपीएफ की होगी. इसमें 150 कंपनियां यात्रा कराने के लिए जम्मू—कश्मीर पहुंच रही हैं. पांच कंपनियां कश्मीर में हर दिन पहुंच रही हैं. सीआरपीएफ की एक कंपनी में 100 से 135 कर्मी होते हैं. और इसकी कमान एक कमांडिंग ऑफिसर के पास होती है. इस साल जम्मू-कश्मीर प्रशासन को रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों की उम्मीद है. एक अधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए मुख्य रूप से राजमार्गों- श्रीनगर-जम्मू और श्रीनगर-गांदरबल पर ध्यान दिया जाएगा.
बीएसएफ की 80 कंपनी संभालेंगी कश्मीर : अमरनाथ यात्रा में कश्मीर वाले इलाके में सीमा सुरक्षा बल की 80 कंपनियां यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगी. मई के अंत तक यह सभी कंपनियों श्रीनगर पहुंच जाएंगी और फिर इनकी अलग—अलग तैनाती भी होगी. आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ की तीस से 40 कंपनियां हर एक की तैनात की जाएंगी. इसके अलावा सेना की सहायता अतिरिक्त रूप से सुरक्षा बलों को मिलती रहेगी.
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सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि राजमार्गों, जिलों में संवेदनशील क्षेत्रों, त्वरित प्रतिक्रिया दल (पुलिस और सीआरपीएफ), मोबाइल वाहन जांच चौकियों और तकनीकी निगरानी पर तैनाती रहेगी. इसके अलावा, 200 सीसीटीवी वाहन आधार शिविरों और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पहचाने जाने वाले संवेदनशील स्थानों पर लगाए गए हैं जिनमें 'राजमार्गों पर कुछ स्थान' शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-श्रीनगर, अनंतनाग-पहलगाम, श्रीनगर-गांदरबल मार्ग पर सुरक्षा का विशेष प्रबंध रहेगा. यह मार्ग यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं. लखनपुर-जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ विशेष स्थानों को भी संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.