सांबा: सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर अधिकारियों ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के गगवाल के सीमावर्ती क्षेत्र के पास एक सुरंग का पता लगाने का दावा किया. सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और सुरंग की लंबाई का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है.
सुरक्षा बलों का मानना है कि इस सुरंग का इस्तेमाल संभवत: सीमा पार घुसपैठियों और मादक पदार्थों के तस्करों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराने के लिए किया जा रहा है. बता दें कि इस सुरंग का पता ऐसे समय में चला है, जब नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हालात पूरी तरह शांतिपूर्ण नहीं हैं.
जम्मू प्रांत के सीमावर्ती जिले राजौरी में गुरुवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में एक अग्निवीर की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइन ब्लास्ट राजौरी के फॉरवर्ड इलाके में हुआ, जिसमें कम से कम तीन जवान घायल हो गए. रिपोर्टों में कहा गया है कि तीन घायल सैनिकों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया, जहां एक अग्निवीर ने दम तोड़ दिया.
इसी तरह की एक घटना में, पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के ताइन मनकोट इलाके में नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना के दो जवान घायल हो गए थे. जम्मू प्रांत में ही पिछले दिनों पाकिस्तानी विमान कंपनी पीआईए का एक गुब्बारा भी सुरक्षा बलों ने जब्त किया था.
सुरक्षा बल पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी एजेंसियों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ड्रोन और इसी तरह की सुरंगों के माध्यम से, नार्को-आतंकवाद का समर्थन करने के लिए सीमा पार से नशीले पदार्थ और हथियार जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में भेजे जाते हैं.