नई दिल्ली : सरकार की एक वेबसाइट से भारतीय संस्कृति के एक खंड को मंगलवार पूरी तरह हटा दिया गया. एक दिन पहले ही मुगल साम्राज्य को अब तक के सबसे महान साम्राज्यों में एक बताने वाले एक अनुच्छेद को तब हटा दिया गया था, जब केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को टैग करते हुए एक शिकायत सोशल मीडिया पर डाली गई थी.
संस्कृति मंत्रालय ने इस मुद्दे से दूरी बनाते हुए कहा है कि न तो उसके किसी विभाग से ऐसी कोई सामग्री तैयार की और न ही उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ऐसी कोई सिफारिश की थी. हालांकि उसने सोमवार को कहा था कि वह घटनाओं का सटीक चित्रण करने के लिए एजेंसियों के साथ मिलकर काम रहा है.
सूत्रों के अनुसार संबंधित वेबसाइट knowindia.gov.in का संचालन इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय करता है.
एक अधिकारी ने कहा, हमने इसलिए प्रतिक्रिया दी क्योंकि शिकायत हमें टैग की गई थी. हमारा न तो वेबसाइट पर स्वामित्व है और न ही हम उसका प्रबंधन करते हैं. सामग्री भी हमने तैयार नहीं की.
सूत्रों ने बताया कि संबंधित सामग्री राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक पुस्तक से ली गई थी.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अनुच्छेद हटाए जाने के एक दिन बाद वेबसाइट पर अब 'संस्कृति एवं धरोहर' खंड ही नहीं है, जिसमें भारत के इतिहास, परंपरा, स्मारकों, कलाओं और अन्य गतिविधियों को दर्शाया गया था. मुगलों पर अनुच्छेद मध्यकालीन भारत पन्ने पर था.
सोमवार को हटाये गये अनुच्छेद में कहा गया था, भारत में मुगल साम्राज्य सबसे महान साम्राज्यों में एक था. मुगल साम्राज्य ने लाखों लोगों पर शासन किया. भारत एक शासन में एकजुट हो गया और मुगल शासन में समृद्धशाली सांस्कृतिक एवं राजनीतिक वर्ष रहे थे. मुगल साम्राज्य के संस्थापकों के आने से पहले भारत भर में कई मुस्लिम एवं हिंदू राजा-रजवाड़े थे.
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'सेक्रेट्स ऑफ आरएसएस', 'संघ एवं स्वराज' और 'आरएसएस 360' के लेखक रतन शारदा ने सोमवार को ट्वीट किया था कि यह पोर्टल 'महान मुगल साम्राज्य' की स्तुति गान कर रहा है और उन्होंने इसे संस्कृति मंत्रालय को टैग किया था.
(पीटीआई-भाषा)