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झारखंड: रंग लाई मेहनत, चार कट्ठे से की शुरुआत, आज कर रहे सालाना 22 लाख की कमाई - प्रगतिशील किसान की सलाह

प्रगतिशील किसान संतोष साव की खेती का फॉर्मूला अपनाकर झारखंड के दूसरे किसान भी अपनी किस्मत बदल सकते हैं. संतोष साव ने किसानों को सलाह दी कि पहले उत्पादन करें तभी अच्छी कमाई हो सकती है.

हजारीबाग के प्रगतिशील किसान संतोष साव
हजारीबाग के प्रगतिशील किसान संतोष साव
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Published : Dec 9, 2021, 5:20 AM IST

हजारीबाग: भारत में खेती में नुकसान और किसानों की बदहाली की बहुत सी कहानियां आपने पढ़ी और सुनी होंगी, लेकिन आज हम ऐसे प्रगतिशील किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी आमदनी जानकर डॉक्टर, इंजीनियर भी हैरान हो जाएंगे. हम बात कर रहे हैं हजारीबाग के प्रगतिशील किसान संतोष साव की. जिनकी अच्छी आमदनी के फार्मूले से दूसरे किसान भी अपनी किस्मत बदल सकते हैं.

हजारीबाग के प्रगतिशील किसान खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं और बाजार के बुनियादी नियम का ध्यान रखते हैं. इसके जरिये वे अपनी आमदनी को इतना बढ़ा लेते हैं जिसकी आधी कमाई भी बहुत से डॉक्टर इंजीनियर की न होगी. संतोष साव ने कड़ी मेहनत से 7 साल के दौरान अपनी कमाई को लाखों तक पहुंचा दिया है. हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के बांका गांव के संतोष साव ने 6 साल पहले 4 कट्ठा जमीन से अपनी खेती शुरू की थी. धीरे-धीरे खेती का दायरा बढ़ाया. जमीन लीज पर ली और दिन-रात मेहनतकर आज 11 एकड़ खेती से औसतन 22 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं. इस तरह उनकी मासिक कमाई करीब 2 लाख रुपये है.

देखिए रिपोर्ट

प्रगतिशील किसान का फॉर्मला-उत्पादन में फर्स्ट, कमाई में फर्स्ट

प्रगतिशील किसान संतोष साव का कहना है कि मुझे इस बात का फख्र है कि वह किसान है. मैं प्रगतिशील हूं और खेती में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करता हूं. इससे मेरी अच्छी आमदनी हो जाती है. संतोष साव ने किसानों से अपील की कि परंपरागत खेती छोड़ ऐसी खेती के लिए कोशिश करें जिसमें मुनाफा अधिक से अधिक हो. संतोष ने अपनी कहानी के जरिये बताया कि किसानों को सबसे पहले अपनी फसल उगानी चाहिए, तभी उनकी फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी. संतोष साव ने बताया कि मेरी यही कोशिश रहती है कि बाजार में सबसे पहले मैं सब्जी उपलब्ध कराऊं. चाहे वह मटर हो या फूल गोभी, टमाटर या फिर तरबूज.

यह है हमारा तरीका

प्रगतिशील किसान संतोष ने बताया कि वर्तमान समय में किसान समय से सब्जी नहीं लगाते हैं, लेकिन मैं मौसम के अनुसार खेती करता हूं. खास करके सब्जी की खेती करता हूं. संतोष साव ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की बात करें तो अधिकतर किसान दिसंबर के आसपास इसकी खेती शुरू करते हैं, लेकिन मैं अक्टूबर में ही इसकी खेती शुरू कर देता हूं और दिसंबर में उपज बेचना शुरू करता हूं. ऐसे में मुझे सबसे अधिक मूल्य पर स्ट्रॉबेरी बेचने का मौका मिलता है. यही स्थिति मटर की है, जब अन्य किसान मटर बेचते हैं उस वक्त मेरा मटर खेत से खत्म हो जाता है. दूसरे राज्य के व्यापारी मुझसे संपर्क करके मटर ले जाते हैं. टमाटर की भी यही स्थिति है. किसानों को मेरी यही सलाह है कि वह समय से पहले और मौसम को देखते हुए खेती करें. ऐसे में किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.

खेतों में सीसी टीवी

प्रगतिशील किसान संतोष साव ने बताया कि खेती के लिए वे उन्नत बीज का प्रयोग करते हैं. ड्रिप इरिगेशन भी उनकी खेती के तरीके का हिस्सा है. इसके अलावा उन्होंने खेतों की निगरानी के लिए सीसीटीवी भी लगाए हैं. उन्होंने पहले उत्पादन को कमाई में फर्स्ट होने का राज बताया. साथ ही कहा कि किसान को ही व्यापारी भी बनना चाहिए वर्ना उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा बिक्री करने वाले हड़प लेते हैं.

जीवन स्तर ऊंचा हुआ

संतोष साव ने बताया कि खेती से ही वे अपने बच्चों को बड़े स्कूल में पढ़ा रहे हैं. अपना जीवन स्तर भी ऊंचा किया है. घर से बाहर जब भी निकलते हैं तो चार पहिया वाहन का उपयोग करते हैं. घर में अत्याधुनिक सामान भी हैं. संतोष का कहना है कि सुबह से लेकर देर शाम तक मैं अपने खेत में ही रहता हूं . इंटरनेट के माध्यम से नई तकनीक की जानकारी लेता हूं. साथ ही साथ यह तलाश करता रहता हूं कि किस सब्जी या फल की खेती की जाए. जिससे अधिक लाभ हो. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि पहले यह तय करें कि उन्हें खेती ही करना है. एक साथ दो काम नहीं किए जा सकते हैं अगर खेती करें तो तकनीक और समय का ध्यान रखें.

हजारीबाग: भारत में खेती में नुकसान और किसानों की बदहाली की बहुत सी कहानियां आपने पढ़ी और सुनी होंगी, लेकिन आज हम ऐसे प्रगतिशील किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी आमदनी जानकर डॉक्टर, इंजीनियर भी हैरान हो जाएंगे. हम बात कर रहे हैं हजारीबाग के प्रगतिशील किसान संतोष साव की. जिनकी अच्छी आमदनी के फार्मूले से दूसरे किसान भी अपनी किस्मत बदल सकते हैं.

हजारीबाग के प्रगतिशील किसान खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं और बाजार के बुनियादी नियम का ध्यान रखते हैं. इसके जरिये वे अपनी आमदनी को इतना बढ़ा लेते हैं जिसकी आधी कमाई भी बहुत से डॉक्टर इंजीनियर की न होगी. संतोष साव ने कड़ी मेहनत से 7 साल के दौरान अपनी कमाई को लाखों तक पहुंचा दिया है. हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के बांका गांव के संतोष साव ने 6 साल पहले 4 कट्ठा जमीन से अपनी खेती शुरू की थी. धीरे-धीरे खेती का दायरा बढ़ाया. जमीन लीज पर ली और दिन-रात मेहनतकर आज 11 एकड़ खेती से औसतन 22 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं. इस तरह उनकी मासिक कमाई करीब 2 लाख रुपये है.

देखिए रिपोर्ट

प्रगतिशील किसान का फॉर्मला-उत्पादन में फर्स्ट, कमाई में फर्स्ट

प्रगतिशील किसान संतोष साव का कहना है कि मुझे इस बात का फख्र है कि वह किसान है. मैं प्रगतिशील हूं और खेती में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करता हूं. इससे मेरी अच्छी आमदनी हो जाती है. संतोष साव ने किसानों से अपील की कि परंपरागत खेती छोड़ ऐसी खेती के लिए कोशिश करें जिसमें मुनाफा अधिक से अधिक हो. संतोष ने अपनी कहानी के जरिये बताया कि किसानों को सबसे पहले अपनी फसल उगानी चाहिए, तभी उनकी फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी. संतोष साव ने बताया कि मेरी यही कोशिश रहती है कि बाजार में सबसे पहले मैं सब्जी उपलब्ध कराऊं. चाहे वह मटर हो या फूल गोभी, टमाटर या फिर तरबूज.

यह है हमारा तरीका

प्रगतिशील किसान संतोष ने बताया कि वर्तमान समय में किसान समय से सब्जी नहीं लगाते हैं, लेकिन मैं मौसम के अनुसार खेती करता हूं. खास करके सब्जी की खेती करता हूं. संतोष साव ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की बात करें तो अधिकतर किसान दिसंबर के आसपास इसकी खेती शुरू करते हैं, लेकिन मैं अक्टूबर में ही इसकी खेती शुरू कर देता हूं और दिसंबर में उपज बेचना शुरू करता हूं. ऐसे में मुझे सबसे अधिक मूल्य पर स्ट्रॉबेरी बेचने का मौका मिलता है. यही स्थिति मटर की है, जब अन्य किसान मटर बेचते हैं उस वक्त मेरा मटर खेत से खत्म हो जाता है. दूसरे राज्य के व्यापारी मुझसे संपर्क करके मटर ले जाते हैं. टमाटर की भी यही स्थिति है. किसानों को मेरी यही सलाह है कि वह समय से पहले और मौसम को देखते हुए खेती करें. ऐसे में किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.

खेतों में सीसी टीवी

प्रगतिशील किसान संतोष साव ने बताया कि खेती के लिए वे उन्नत बीज का प्रयोग करते हैं. ड्रिप इरिगेशन भी उनकी खेती के तरीके का हिस्सा है. इसके अलावा उन्होंने खेतों की निगरानी के लिए सीसीटीवी भी लगाए हैं. उन्होंने पहले उत्पादन को कमाई में फर्स्ट होने का राज बताया. साथ ही कहा कि किसान को ही व्यापारी भी बनना चाहिए वर्ना उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा बिक्री करने वाले हड़प लेते हैं.

जीवन स्तर ऊंचा हुआ

संतोष साव ने बताया कि खेती से ही वे अपने बच्चों को बड़े स्कूल में पढ़ा रहे हैं. अपना जीवन स्तर भी ऊंचा किया है. घर से बाहर जब भी निकलते हैं तो चार पहिया वाहन का उपयोग करते हैं. घर में अत्याधुनिक सामान भी हैं. संतोष का कहना है कि सुबह से लेकर देर शाम तक मैं अपने खेत में ही रहता हूं . इंटरनेट के माध्यम से नई तकनीक की जानकारी लेता हूं. साथ ही साथ यह तलाश करता रहता हूं कि किस सब्जी या फल की खेती की जाए. जिससे अधिक लाभ हो. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि पहले यह तय करें कि उन्हें खेती ही करना है. एक साथ दो काम नहीं किए जा सकते हैं अगर खेती करें तो तकनीक और समय का ध्यान रखें.

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