नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिशपों सहित 60 ईसाई नेताओं के एक समूह को सूचित किया कि पोप फ्रांसिस की भारत यात्रा तय है, लगता है कि पोप की यात्रा के लिए मंच तैयार हो गया है. 1999 के बाद देश में, और संभवतः 1986 के बाद केरल की उनकी दूसरी यात्रा होगी. क्रिसमस के दिन मोदी ने ईसाई नेताओं के साथ दोपहर के भोजन पर मुलाकात की और कहा कि पोप की यात्रा 2024 या 2025 में होगी.
संयोग से, तत्कालीन पोप जॉन पॉल द्वितीय, दो बार भारत आए - पहली बार 1986 में सिस्टर अल्फोंसा और सिस्टर कुरियाकोस एलियास चवारा को धन्य घोषित करने के लिए दो दिनों के लिए केरल आए, और अगली बार नवंबर 1999 में दिल्ली आए. अपनी 1986 की यात्रा पर पोप दोनों दिन कोच्चि में रुके और वहां से उन्होंने त्रिशूर और फिर कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम की यात्रा की.
केरल में ईसाई आबादी 3.2 करोड़ की है, जो राज्य की लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा है. इनमें से कैथोलिक प्रमुख समूह हैं, जिनमें राज्य के 50 प्रतिशत ईसाई शामिल हैं. केरल में तीन कैथोलिक संस्कार हैं - सिरो मालाबार, लैटिन और सिरो मलंकारा चर्च.
पोप की भारत यात्रा को लेकर अभी से ही चर्चा शुरू हो चुकी है. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 2021 में ही पोप को भारत आने का निमंत्रण दिया था. पीएम ने उनसे वैटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में मुलाकात की थी.
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