हैदराबाद: गुरुवार 1 अप्रैल को असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान होना है. दूसरे चरण में 13 जिलों की 39 सीटों पर वोटिंग होनी है, इससे पहले 27 मार्च को पहले चरण में प्रदेश की 47 सीटों पर वोट डाले गए थे. असम में पहली बार सरकार बनाने वाली बीजेपी इस बार मिशन रिपीट का दावा कर रही है जबकि कांग्रेस की तरफ से सत्ता में वापसी के दावे हो रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम क्षत्रपों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन अब जनता की बारी है.
दूसरे चरण पर एक नज़र
दूसरे चरण में 39 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इनमें से 05 सीटें अनुसूचित जाति और 07 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. दूसरे चरण में कुल 345 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
इस चरण में कुल 10,592 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 73,44,631 वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 37,34,537 पुरुष और 36,09,959 महिला मतदाता हैं. इस चरण में 135 थर्ड जेंडर वोटर्स भी हैं.
कुल 345 प्रत्याशी दूसरे चरण की 39 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से 177 प्रत्याशी निर्दलीय जबकि 168 उम्मीदवार किसी ना किसी राजनीतिक दल से चुनाव मैदान में हैं. कुल 345 उम्मीदवारों में से 26 महिला उम्मीदवार भी हैं. सबसे ज्यादा 11 निर्दलीय उम्ममीदवार चुनाव मैदान में हैं. जबकि बीजेपी ने 2 और एजेपी ने 4 महिलाओं को टिकट दिया है. अन्य दलों की भी कुल 9 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
इस चरण में 28 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं सबसे ज्यादा 34 उम्मीदवार बीजेपी ने उतारे हैं. जबकि कांग्रेस ने 28, असम जातीय परिषद ने 19, एसयूसीआई(सी) ने 13, एआईयूडीएफ ने 7, असम गण परिषद ने 6, तृणमूल कांग्रेस ने 5 और अन्य राजनीतिक दलों के 56 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
दूसरे चरण की सीटों का 2016 में नतीजा
असम की जिन 39 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है. 2016 में हुए बीते विधानसभा चुनाव में उनपर बीजेपी का दबदबा रहा था. बीजेपी ने इन 39 सीटों में से 22 पर जीत का परचम लहराया था जबकि कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटों पर जीत नसीब हुई थी. वही एआईयूडीएफ को 4, बीपीएफ को 4 और एजीपी को 2 सीटों पर जीत मिली थी. 2016 में बीजेपी ने बंपर जीत के साथ असम में पहली बार सरकार बनाई थी. बीजेपी पिछली बार का प्रदर्शन दोहराना चाहेगी जबकि कांग्रेस के सामने पिछले प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती होगी.
दूसरे चरण में दागी उम्मीदवार
दूसरे चरण के कुल 345 उम्मीदवारों में से 37 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जबकि 30 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पार्टी वार दागी उम्मीदवारों पर नजर डालें तो बीजेपी के 34 में से 11, कांग्रेस के 28 में से 5, एआईयूडीएफ के 7 में से 5, असम गण परिषद के 6 में से 2, असम जातीय परिषद के 19 में से 3 जबकि एआईएफबी, एसयूसीआई(सी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिब्रल के एक-एक उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं बीजेपी के 10, असम जातीय परिषद के 5, एआईयूडीएफ के 7, असम गण परिषद के 2, कांग्रेस के 2, एआईएफबी, एसयूसीआई(सी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिब्रल के एक-एक उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है.
177 आजाद उम्मीदवारों में से भी 8 के खिलाफ आपराधिक जबकि 7 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
दूसरे चरण के करोड़पति उम्मीदवार
असम के दूसरे चरण के चुनावों में कुल 73 करोड़पति उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 19 करोड़पति उम्मीदवार बीजेपी और 18 करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस के हैं. वहीं असम जातीय परिषद के 6, एआईयूडीएफ के 5, असम गण परिषद के 3 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के 3 करोड़पति उम्मीदवार हैं.
एसयूसीआई(सी), भारतीय गण परिषद, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई(एम), एसपी का भी एक-एक करोड़पति उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा14 निर्दलीय उम्मीदवार आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
टॉप-5 करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में 4 कांग्रेस और एक एयूडीआईएफ का प्रत्याशी है. जबकि सबसे कम संपत्ति निर्दलीय उम्मीदवारों के पास है. सबसे कम संपत्ति वाले निर्दलीय उम्मीदवार बिश्नू धारी मल्ला की कुल संपत्ति 8,158 रुपये की है.
कितने पढ़े लिखे हैं दूसरे चरण के प्रत्याशी
उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दी गई शैक्षणिक योग्यता के ब्यौरे के मुताबिक 209 उम्मीदवार 5वीं से 12वीं तक पढ़े हैं. 13 उम्मीदवार ग्रेजुएट और उससे अधिक पढ़े लिखे हैं. वहीं 2 प्रत्याशी डिप्लोमा होल्डर हैं जबकि 3 प्रत्याशी सिर्फ शिक्षित की श्रेणी में हैं.
उम्मीदवारों की उम्र
दूसरे चरण में 113 उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है. जबकि 182 उम्मीदवारों की उम्र 41 से 60 साल के बीच है. 49 प्रत्याशियों की उम्र 61 से 80 साल के बीच है. वहीं एक उम्मीदवार की उम्र 82 साल है.
बड़े चेहरों की साख दांव पर
असम विधानसभा के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी कई बड़े चेहरों की सीख दांव पर है. चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे इन बड़े चेहरों पर सबकी नजर होगी.
पिजूश हजारिका- हजारिका मौजूदा सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शहरी विकास मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. पिजूश पिछले चुनाव के प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे, वो बीजेपी की टिकट पर जागीरोड सीट से चुनाव मैदान में हैं
बिस्वजीत दैमरी- बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पूर्व अध्यक्ष हैं. राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे और फिर बीजेपी की टिकट पर निर्विरोध चुनकर राज्यसभा पहुंचे थे. बीजेपी की टिकट पर अब पनेरी विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं.
जयंत मल्ला बरुआ- साल 2006 और 2011 में चुनाव जीत चुके हैं. असम पर्यटन निगम के अध्यक्ष थे और बीजेपी की टिकट पर नलबाड़ी सीट से चुनाव मैदान में हैं.
रिहोन दैमारी- बीपीएफ की टिकट पर ऊदालगुरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मौजूदा विधायक हैं और सरकार में जन स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऊदालगुरी सीट से ही चार बार विधानसभा पहुंचे हैं.
परमानंद राजबोंग्शी- असोम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष हैं. एजीपी छोड़कर बीजेपी का कमल थामा है और अब सिपाझार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
परिमल शुक्ला बैद्य- मौजूदा सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं और 4 बार विधायक रह चुके हैं. बीजेपी ने ढोलाई से दिया है टिकट.
गौतम रॉय- तरुण गोगोई की तीनों सरकारों में मंत्री रह चुके हैं लेकिन साल 2019 में पाला बदलकर बीजेपी में आ गए. बीजेपी की टिकट पर काटीगोरा सीट से चुनाव मैदान में हैं