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रोशनी एक्ट : दूसरी सूची में फारूक की बहन का नाम

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रोशनी एक्ट की दूसरी सूची जारी की है, जिसमें फारूक अबदुल्ला की बहन, प्रमुख होटल व्यवसायियों का नाम शामिल है.

रोशनी एक्ट
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Published : Nov 25, 2020, 6:15 PM IST

श्रीनगर : रोशनी कानून के तहत जमीन हासिल करने वाले 130 लोगों की दूसरी सूची में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की बहन और कांग्रेस के एक नेता सहित दो प्रमुख होटल व्यवसायियों के नाम शामिल हैं. इस कानून को अब रद्द कर दिया गया है.

कश्मीर के संभागीय आयुक्त की वेबसाइट पर अपलोड की गई नई सूची के मुताबिक, लाभ हासिल करने वालों में एक पूर्व नौकरशाह और उनकी पत्नी भी शामिल हैं, जिन्होंने योजना के तहत अपने आवासीय स्थल को वैधानिक बनाया, जबकि दर्जनों अन्य व्यवसायियों ने अपने व्यावसायिक भवनों का मालिकाना हक प्राप्त किया.

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के नौ अक्टूबर के निर्देश के मुताबिक संभागीय प्रशासन की तरफ से जारी लाभार्थियों की यह दूसरी सूची है. उच्च न्यायालय ने रोशनी कानून को अवैध, असंवैधानिक और अव्यावहारिक करार दिया और इस कानून के तहत जमीन के आवंटन पर सीबीआई जांच का आदेश दिया.

प्रशासन ने 35 लाभार्थियों की सूची अपलोड की, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू, उनके कुछ रिश्तेदार और शीर्ष होटल व्यवसायी तथा एक पूर्व नौकरशाह के नाम शामिल हैं.

दूसरी सूची में कांग्रेस नेता के.के. अमला और मुश्ताक अहमद चाया के अलावा पूर्व नौकरशाह मोहम्मद शफी पंडित और उनकी पत्नी शामिल हैं. अमला और चाया होटल व्यवसायी भी हैं.

पढ़ें- रोशनी एक्ट के लाभार्थियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू

लाभार्थियों में फारूक अब्दुल्ला की बहन सूरिया अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है, जिन्हें तीन कनाल से अधिक के प्लॉट का मालिकाना हक आवासीय इस्तेमाल के तहत प्राप्त हुआ.

सूची के मुताबिक अधिकारियों ने जमीन को मंजूरी दी, लेकिन सूरिया ने अभी तक एक करोड़ रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया है. उनके नाम से जमीन को मंजूरी देने के बाद से उन्हें कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया.

केंद्र शासित प्रशासन ने एक नवंबर को रोशनी कानून के तहत सभी जमीन हस्तांतरण को रद्द कर दिया था, जिसके तहत ढाई लाख एकड़ जमीन वर्तमान धारकों को हस्तांरित की जानी थी. इस कानून का मूल नाम जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (धारकों को मालिकाना हक देना) कानून 2001 है.

श्रीनगर : रोशनी कानून के तहत जमीन हासिल करने वाले 130 लोगों की दूसरी सूची में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की बहन और कांग्रेस के एक नेता सहित दो प्रमुख होटल व्यवसायियों के नाम शामिल हैं. इस कानून को अब रद्द कर दिया गया है.

कश्मीर के संभागीय आयुक्त की वेबसाइट पर अपलोड की गई नई सूची के मुताबिक, लाभ हासिल करने वालों में एक पूर्व नौकरशाह और उनकी पत्नी भी शामिल हैं, जिन्होंने योजना के तहत अपने आवासीय स्थल को वैधानिक बनाया, जबकि दर्जनों अन्य व्यवसायियों ने अपने व्यावसायिक भवनों का मालिकाना हक प्राप्त किया.

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के नौ अक्टूबर के निर्देश के मुताबिक संभागीय प्रशासन की तरफ से जारी लाभार्थियों की यह दूसरी सूची है. उच्च न्यायालय ने रोशनी कानून को अवैध, असंवैधानिक और अव्यावहारिक करार दिया और इस कानून के तहत जमीन के आवंटन पर सीबीआई जांच का आदेश दिया.

प्रशासन ने 35 लाभार्थियों की सूची अपलोड की, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू, उनके कुछ रिश्तेदार और शीर्ष होटल व्यवसायी तथा एक पूर्व नौकरशाह के नाम शामिल हैं.

दूसरी सूची में कांग्रेस नेता के.के. अमला और मुश्ताक अहमद चाया के अलावा पूर्व नौकरशाह मोहम्मद शफी पंडित और उनकी पत्नी शामिल हैं. अमला और चाया होटल व्यवसायी भी हैं.

पढ़ें- रोशनी एक्ट के लाभार्थियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू

लाभार्थियों में फारूक अब्दुल्ला की बहन सूरिया अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है, जिन्हें तीन कनाल से अधिक के प्लॉट का मालिकाना हक आवासीय इस्तेमाल के तहत प्राप्त हुआ.

सूची के मुताबिक अधिकारियों ने जमीन को मंजूरी दी, लेकिन सूरिया ने अभी तक एक करोड़ रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया है. उनके नाम से जमीन को मंजूरी देने के बाद से उन्हें कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया.

केंद्र शासित प्रशासन ने एक नवंबर को रोशनी कानून के तहत सभी जमीन हस्तांतरण को रद्द कर दिया था, जिसके तहत ढाई लाख एकड़ जमीन वर्तमान धारकों को हस्तांरित की जानी थी. इस कानून का मूल नाम जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (धारकों को मालिकाना हक देना) कानून 2001 है.

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