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गोवा में निगम और पंचायतो के वार्डों का आरक्षण, परिसीमन SEC ही करेगा : सावंत

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa CM Pramod Sawant) ने गुरुवार को कहा कि निगम और पंचायत चुनाव के लिए वार्डों का विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) द्वारा किया जाएगा.

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत
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Published : Jul 29, 2021, 9:58 PM IST

पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa CM Pramod Sawant) ने गुरुवार को कहा कि निगम और पंचायत चुनाव के लिए वार्डों का विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) द्वारा किया जाएगा.

वह विधानसभा में निगम वार्डों के परिसीमन एवं उनके आरक्षण में अवैधानिता को लेकर विपक्ष के नेता दिगंबर कामत द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे. उसे इस साल मार्च में बंबई उच्च न्यायालय ने सुधारा.

मार्च में उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने राज्य सरकार के निगम प्रशासन निदेशालय (डीएमए) द्वारा जारी की गयी उस अधिसूचना को खारिज कर दी थी जिसमें चुनाव से पहले पांच नगर निकायों में कई वार्डों को आरक्षित कर दिया गया था. गुरुवार को यह मुद्दा उठाते हुए कामत ने सवाल किया कि नये निदेशक के पदभार संभालने के एक दिन के अंदर डीएमए द्वारा निगम वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों जारी कर दी गई. उन्होंने याद दिलाया कि कई दलों को आरक्षण की विसंगतियों को दूर कराने के लिए उच्च न्यायालय जाना पड़ा था.

पढ़ें : सेनाध्यक्ष बोले- 1971 की लड़ाई के 50 साल पूरे होने पर मनाया जाएगा 'स्वर्ण विजय वर्ष'

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम और पंचायतों में वार्डों के परिसीमा एवं (अनुसूचित जाति/जनजाति/ महिला श्रेण के तहत) आरक्षण का काम केवल राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाएगा.

पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa CM Pramod Sawant) ने गुरुवार को कहा कि निगम और पंचायत चुनाव के लिए वार्डों का विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) द्वारा किया जाएगा.

वह विधानसभा में निगम वार्डों के परिसीमन एवं उनके आरक्षण में अवैधानिता को लेकर विपक्ष के नेता दिगंबर कामत द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे. उसे इस साल मार्च में बंबई उच्च न्यायालय ने सुधारा.

मार्च में उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने राज्य सरकार के निगम प्रशासन निदेशालय (डीएमए) द्वारा जारी की गयी उस अधिसूचना को खारिज कर दी थी जिसमें चुनाव से पहले पांच नगर निकायों में कई वार्डों को आरक्षित कर दिया गया था. गुरुवार को यह मुद्दा उठाते हुए कामत ने सवाल किया कि नये निदेशक के पदभार संभालने के एक दिन के अंदर डीएमए द्वारा निगम वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों जारी कर दी गई. उन्होंने याद दिलाया कि कई दलों को आरक्षण की विसंगतियों को दूर कराने के लिए उच्च न्यायालय जाना पड़ा था.

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इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम और पंचायतों में वार्डों के परिसीमा एवं (अनुसूचित जाति/जनजाति/ महिला श्रेण के तहत) आरक्षण का काम केवल राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाएगा.

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