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SEC सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत के पहले स्वदेश में विकसित वैक्सीन पर करेगा चर्चा - सर्वाइकल कैंसर क्या है

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीके पर चर्चा करेगा. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से इसके ट्रायल की अनमुति मांगी है.

स्वदेश में विकसित वैक्सीन
स्वदेश में विकसित वैक्सीन
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Published : Jun 15, 2022, 8:31 AM IST

नई दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेश में विकसित पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस (क्यूएचपीवी) वैक्सीन पर बुधवार को विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा चर्चा की जाएगी. Quadrivalent Human Papillomavirus (QHPV) वैक्सीन के बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन 8 जून को डीसीजीआई को प्रकाश कुमार सिंह (सरकार और नियामक मामलों के निदेशक) द्वारा प्रस्तुत किया गया था.

सिंह द्वारा डीसीजीआई को आवेदन में सभी खुराक और आयु समूहों में एचपीवी प्रकारों के खिलाफ टीके की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का उल्लेख किया गया है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि वैक्सीन के 2022 के अंत से पहले बाजार में लॉन्च होने की उम्मीद है. क्यूएचपीवी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से तैयार किया गया टीका होगा. देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से चरण 2/3 नैदानिक ​​परीक्षण पूरा करने के बाद बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.

सर्वाइकल कैंसर: 'मेडिकल पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है की भारत में 6 से 29 प्रतिशत महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है. शोध में उल्लेखित आंकड़ों के अनुसार भारत में इस रोग के सर्वाधिक मामले मिजोरम राज्य में पंजीकृत हुए है, जिनकी संख्या 23.07/ 1,00,000 है. वहीं सबसे कम मामले 4.91/1,00,000 डिब्रूगढ़ में पंजीकृत हुए. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डॉ. सुषमा तोमर बताती हैं की हालांकि सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इस बीमारी तथा उसके लक्षणों के बारे में महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी हैं. इसी के चलते ज्यादातर मामलों में महिलाओं को अपनी इस बीमारी की जानकारी देर से होती है. यदि समय से इस रोग के लक्षण पकड़ में आ जाए, तो इसे सफलता पूर्वक ठीक किया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के दस सामान्य लक्षण : 1-योनि में खुजली तथा जलन, 2-कमर के निचले हिस्से तथा पेट में दर्द, 3-अस्पष्टीकृत थकान, 4-ब्लेडर में समस्या जैसे हेमट्यूरिया यानी पेशाब में खून आना, डियूरेसिस यानी मूत्रकृच्छता जिसमें पेशाब में दर्द होता है तथा लगातार पेशाब आना, 5-योनि से बदबूदार डिस्चार्ज, 6-पेट का फूलना या सूजन, 7-'लेग एडिमा' यानी शरीर में पानी या फ्लूइड के जमा होने के कारण उत्पन्न सूजन, 8-पेट के निचले हिस्से में दर्द, 9-मलाशय संबंधी समायाएं जैसे मल के साथ खून आना, दस्त लगना तथा मलाशय में दर्द और 10-पायलोनेफ्राइटिस यानी किडनी में सूजन के चलते पेट में दर्द तथा यूरेट्रिक बाधा

यह भी पढे़ं-सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र से गर्भाशय कैंसर रोधी स्वदेशी टीका 'क्यूएचपीवी' बनाने की मंजूरी मांगी

एएनआई

नई दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेश में विकसित पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस (क्यूएचपीवी) वैक्सीन पर बुधवार को विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा चर्चा की जाएगी. Quadrivalent Human Papillomavirus (QHPV) वैक्सीन के बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन 8 जून को डीसीजीआई को प्रकाश कुमार सिंह (सरकार और नियामक मामलों के निदेशक) द्वारा प्रस्तुत किया गया था.

सिंह द्वारा डीसीजीआई को आवेदन में सभी खुराक और आयु समूहों में एचपीवी प्रकारों के खिलाफ टीके की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का उल्लेख किया गया है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि वैक्सीन के 2022 के अंत से पहले बाजार में लॉन्च होने की उम्मीद है. क्यूएचपीवी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से तैयार किया गया टीका होगा. देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से चरण 2/3 नैदानिक ​​परीक्षण पूरा करने के बाद बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.

सर्वाइकल कैंसर: 'मेडिकल पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है की भारत में 6 से 29 प्रतिशत महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है. शोध में उल्लेखित आंकड़ों के अनुसार भारत में इस रोग के सर्वाधिक मामले मिजोरम राज्य में पंजीकृत हुए है, जिनकी संख्या 23.07/ 1,00,000 है. वहीं सबसे कम मामले 4.91/1,00,000 डिब्रूगढ़ में पंजीकृत हुए. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डॉ. सुषमा तोमर बताती हैं की हालांकि सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इस बीमारी तथा उसके लक्षणों के बारे में महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी हैं. इसी के चलते ज्यादातर मामलों में महिलाओं को अपनी इस बीमारी की जानकारी देर से होती है. यदि समय से इस रोग के लक्षण पकड़ में आ जाए, तो इसे सफलता पूर्वक ठीक किया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के दस सामान्य लक्षण : 1-योनि में खुजली तथा जलन, 2-कमर के निचले हिस्से तथा पेट में दर्द, 3-अस्पष्टीकृत थकान, 4-ब्लेडर में समस्या जैसे हेमट्यूरिया यानी पेशाब में खून आना, डियूरेसिस यानी मूत्रकृच्छता जिसमें पेशाब में दर्द होता है तथा लगातार पेशाब आना, 5-योनि से बदबूदार डिस्चार्ज, 6-पेट का फूलना या सूजन, 7-'लेग एडिमा' यानी शरीर में पानी या फ्लूइड के जमा होने के कारण उत्पन्न सूजन, 8-पेट के निचले हिस्से में दर्द, 9-मलाशय संबंधी समायाएं जैसे मल के साथ खून आना, दस्त लगना तथा मलाशय में दर्द और 10-पायलोनेफ्राइटिस यानी किडनी में सूजन के चलते पेट में दर्द तथा यूरेट्रिक बाधा

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एएनआई

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