नई दिल्ली : भारतीय वैज्ञानिकों ने कुछ जीवाणुओं में एक अद्वितीय प्रकार की गति की व्याख्या करने वाले एक सैद्धांतिक प्रारूप की खोज की है. यह उन कुछ जीवाणुओं में देखा गया है, जो अन्य सूक्ष्मजीवों पर निर्भर रहते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने यह जानकारी दी.
विभाग के एक बयान में कहा गया है कि यह विश्लेषण दवा देने और बायो-इमेजिंग में उपयोग किए जाने वाले अधिक कुशल कृत्रिम माइक्रो और नैनो-मोटर्स के निर्माण में मदद कर सकता है. जीवाणु अपने आप को एक ऐसे वेग से गतिमान करते हैं जो बेतरतीब ढंग से दिशा बदलता है, जिसे सक्रिय गति (एक्टिव मोशन) कहा जाता है. जीवाणु गति के अलावा इस तरह की गति जीव प्रणालियों में सूक्ष्म पैमाने पर कोशिका गतिशीलता से लेकर दृष्यता पैमाने पर पक्षियों और मछलियों के झुंड के साथ-साथ कृत्रिम प्रणालियों में पाई जाती है.
बयान में कहा गया है कि यह सर्वव्यापी गैर-संतुलन प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण उप समूह बनाता है, जिसके लिए कोई सामान्य सैद्धांतिक ढांचा मौजूद नहीं है.
(पीटीआई-भाषा)