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Save world: प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने एक मंच पर आएगी दुनिया, उत्तराखंड में मंथन करेंगे 100 देशों के वैज्ञानिक - Uttarakhand State Council for Science Technology

Save world from natural disasters दुनिया भर में प्राकृतिक आपदा से हर साल 500 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान होता है. 24 मिलियन से अधिक लोग इससे प्रभावित होते हैं. हम अपने देश की बात करें तो भारत को प्राकृतिक आपदा हर साल 9 अरब डॉलर से अधिक यानी 6 खरब रुपयों से ज्यादा की चपत लगाती है. उत्तराखंड हर साल प्राकृतिक आपदा को झेलता है. ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अगस्त की शुरुआत में दुनिया को प्राकृतिक आपदा से बचाने की तकनीकों पर उत्तराखंड में चर्चा करेंगे.

Save world
देहरादून में कॉन्फ्रेंस
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Published : Jul 28, 2023, 1:10 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड सहित देश के हिमालयी राज्यों में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर पूरी दुनिया भर के शोधकर्ता एक मंच पर आएंगे. दुनिया भर की तकनीक और शोध से मिलकर कैसे इन आपदाओं का न्यूनीकरण किया, जाए इस पर विचार विमर्श करेंगे. 4 अगस्त को देहरादून में पहली कॉन्फ्रेंस होगी.

Save world from natural disasters
प्राकृतिक आपदा से बचाने की तकनीक शेयर होगी

उत्तराखंड में जुटेंगे 100 देशों के वैज्ञानिक: जल्द ही उत्तराखंड में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा देशों के शोधकर्ता वैज्ञानिक और प्रतिनिधि जुटेंगे. ये विशेषज्ञ हिमालयन क्लाइमेट के साथ-साथ विश्व में मौजूद ऐसे और इकोसिस्टम वाले ज्योग्राफिकल बसावट वाली जगहों पर कैसे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जाए, इस पर चर्चा करेंगे. कैसे तकनीक और शोध के जरिए नुकसान कम से कम किया जा सकता है, इस पर मंथन करेंगे. प्राकृतिक आपदाओं से मिलकर लड़ने के लिए टेक्नोलॉजी को शेयर किया जा सकता है. एक दूसरे के तरीकों को साझा किया जा सकता है. क्योंकि यह मानव जीवन को बचाने का एक सामूहिक प्रयास है.

4 अगस्त को होगी पहली कॉन्फ्रेंस: इंटरनेशनल डिजास्टर सोसायटी (International Disaster Society), यूएसडीएमए (Uttarakhand State Disaster Management Authority) और यूकोस्ट (Uttarakhand State Council for Science And Technology) मिलकर उत्तराखंड में इस कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम कोऑर्डिनेट कर रहे उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद यूकोस्ट के DG डॉ दुर्गेश पंत ने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस कार्यक्रम का पोस्टर लॉन्च किया गया है. वहीं इस कार्यक्रम से पहले देश भर के राज्यों में इस कार्यक्रम से संबंधित कॉन्फ्रेंसेस आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए उत्तराखंड में पहली कॉन्फ्रेंस 4 अगस्त को आयोजित की जानी है.
ये भी पढ़ें: Cell Broadcast : समय रहते प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए सरकार की नई पहल

जापान सहित डिजास्टर मैनेजमेंट में माहिर देशों की तकनीक होगी साझा: यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश कुमार पंत ने बताया कि 28 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच होने वाले इस बड़े आयोजन में दुनिया भर के उन देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जिन देशों ने पिछले लंबे समय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में महारत हासिल की है. प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने और आपदाओं के बीच सुरक्षित रहने में पूरी दुनिया में जापान की अपनी एक अलग मिसाल है. वहीं इस कार्यक्रम में जापान की तमाम तकनीक के अलावा दुनिया भर के ऐसे देश जो कि खासतौर से हिमालयन क्लाइमेट से मैच खाते हैं, जहां पर इस तरह की आपदाएं आती हैं और इन आपदाओं से लड़ने और नुकसान को कम करने के लिए तकनीकी के साथ-साथ तमाम प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है, उन सभी विषयों पर इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.
ये भी पढ़ें: Uttarakhand Disaster: उत्तराखंड को केंद्र सरकार ने जारी किए 413 करोड़ रुपए, आपदा राहत में आएगी तेजी

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड सहित देश के हिमालयी राज्यों में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर पूरी दुनिया भर के शोधकर्ता एक मंच पर आएंगे. दुनिया भर की तकनीक और शोध से मिलकर कैसे इन आपदाओं का न्यूनीकरण किया, जाए इस पर विचार विमर्श करेंगे. 4 अगस्त को देहरादून में पहली कॉन्फ्रेंस होगी.

Save world from natural disasters
प्राकृतिक आपदा से बचाने की तकनीक शेयर होगी

उत्तराखंड में जुटेंगे 100 देशों के वैज्ञानिक: जल्द ही उत्तराखंड में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा देशों के शोधकर्ता वैज्ञानिक और प्रतिनिधि जुटेंगे. ये विशेषज्ञ हिमालयन क्लाइमेट के साथ-साथ विश्व में मौजूद ऐसे और इकोसिस्टम वाले ज्योग्राफिकल बसावट वाली जगहों पर कैसे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जाए, इस पर चर्चा करेंगे. कैसे तकनीक और शोध के जरिए नुकसान कम से कम किया जा सकता है, इस पर मंथन करेंगे. प्राकृतिक आपदाओं से मिलकर लड़ने के लिए टेक्नोलॉजी को शेयर किया जा सकता है. एक दूसरे के तरीकों को साझा किया जा सकता है. क्योंकि यह मानव जीवन को बचाने का एक सामूहिक प्रयास है.

4 अगस्त को होगी पहली कॉन्फ्रेंस: इंटरनेशनल डिजास्टर सोसायटी (International Disaster Society), यूएसडीएमए (Uttarakhand State Disaster Management Authority) और यूकोस्ट (Uttarakhand State Council for Science And Technology) मिलकर उत्तराखंड में इस कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम कोऑर्डिनेट कर रहे उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद यूकोस्ट के DG डॉ दुर्गेश पंत ने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस कार्यक्रम का पोस्टर लॉन्च किया गया है. वहीं इस कार्यक्रम से पहले देश भर के राज्यों में इस कार्यक्रम से संबंधित कॉन्फ्रेंसेस आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए उत्तराखंड में पहली कॉन्फ्रेंस 4 अगस्त को आयोजित की जानी है.
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जापान सहित डिजास्टर मैनेजमेंट में माहिर देशों की तकनीक होगी साझा: यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश कुमार पंत ने बताया कि 28 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच होने वाले इस बड़े आयोजन में दुनिया भर के उन देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जिन देशों ने पिछले लंबे समय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में महारत हासिल की है. प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने और आपदाओं के बीच सुरक्षित रहने में पूरी दुनिया में जापान की अपनी एक अलग मिसाल है. वहीं इस कार्यक्रम में जापान की तमाम तकनीक के अलावा दुनिया भर के ऐसे देश जो कि खासतौर से हिमालयन क्लाइमेट से मैच खाते हैं, जहां पर इस तरह की आपदाएं आती हैं और इन आपदाओं से लड़ने और नुकसान को कम करने के लिए तकनीकी के साथ-साथ तमाम प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है, उन सभी विषयों पर इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.
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