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वैज्ञानिक ने पाक दूतावास के पास कार में गुजारे 7 दिन, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

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Published : Sep 11, 2021, 8:16 PM IST

दिल्ली में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां चेन्नई के एक वैज्ञानिक (scientist-from-chennai) पाकिस्तान दूतावास (pakistan embassy) के बाहर लगातार सात दिन तक कार में रहे. वे अपने बेटे के साथ इनोवा कार में रहते और हेलमेट पहनकर उसी में ही सो जाते. एक हफ्ते बाद जब ये मामला सामने आया तो बीट अधिकारी को लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया.

वैज्ञानिक ने पाक दूतावास के पास कार में गुजारे 7 दिन
वैज्ञानिक ने पाक दूतावास के पास कार में गुजारे 7 दिन

नई दिल्ली : चाणक्यपुरी स्थित पाकिस्तान दूतावास के पास एक वैज्ञानिक अपने बेटे के साथ 7 दिनों तक कार में बैठे रहे. कार में बैठने के दौरान सुरक्षा के लिए दोनों हेलमेट लगाकर रखते थे. इसका खुलासा होने पर पुलिस ने दोनों से पूछताछ की और यह महसूस किया कि उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. इस बीट में तैनात पुलिसकर्मी को फिलहाल लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है. वहीं, वैज्ञानिक को उनके परिवार के हवाले कर दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, 40 वर्षीय गोपालकृष्णन चेन्नई के रहने वाले हैं. वह एक वैज्ञानिक हैं. सुप्रीम कोर्ट में एक पिटिशन दायर करने के लिए वह अपने बेटे के साथ कुछ दिन पहले दिल्ली आए थे.

वह चाणक्यपुरी स्थित नेहरू पार्क के पास इनोवा गाड़ी में रहते थे. इसी गाड़ी में वह दिन भर रहते थे और रात को उसी में सो जाते थे. वह हेलमेट पहनकर गाड़ी में बैठते थे. बताया जाता है कि उन्हें ऐसा लगता था कि आस-पास की बिल्डिंग या होटल अगर गिरेगा तो उनकी मौत हो सकती है. यही वजह है कि वह होटल में नहीं ठहरे थे. वह लगभग 7 दिन तक नेहरू पार्क के पास उसी गाड़ी में अपने बेटे के साथ रहे.

पीएम से मांगी थी सुरक्षा

इसकी जानकारी चाणक्यपुरी पुलिस को जब लगी तो वह तुरंत उन्हें थाने ले गई, जहां पर उनसे पूछताछ की गई. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह एक वैज्ञानिक हैं. वह 2012 में अमेरिका गए थे. उन्हें लगता है कि अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने उनके शरीर में चिप डाल दी है. इसकी वजह से उनके शरीर में परेशानियां होती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से सुरक्षा मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसके चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वह दिल्ली आ गए.

पढ़ें- वैज्ञानिक डॉ बीएचवीएस नारायण मूर्ति बने डीआरडीओ के मिसाइल और सामरिक प्रणालियों के महानिदेशक

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक से स्पेशल सेल एवं खुफिया विभाग द्वारा भी पूछताछ की गई. लेकिन इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया. दिल्ली पुलिस का मानना है कि मानसिक तौर पर उनकी हालत ठीक नहीं है. इसके चलते चेन्नई से उनके परिवार को बुलाया गया. फिलहाल पिता-पुत्र को उनके परिवार को सौंप दिया गया है. पुलिस ने फिलहाल इस घटना को लेकर कोई केस दर्ज नहीं किया है.

नई दिल्ली : चाणक्यपुरी स्थित पाकिस्तान दूतावास के पास एक वैज्ञानिक अपने बेटे के साथ 7 दिनों तक कार में बैठे रहे. कार में बैठने के दौरान सुरक्षा के लिए दोनों हेलमेट लगाकर रखते थे. इसका खुलासा होने पर पुलिस ने दोनों से पूछताछ की और यह महसूस किया कि उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. इस बीट में तैनात पुलिसकर्मी को फिलहाल लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है. वहीं, वैज्ञानिक को उनके परिवार के हवाले कर दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, 40 वर्षीय गोपालकृष्णन चेन्नई के रहने वाले हैं. वह एक वैज्ञानिक हैं. सुप्रीम कोर्ट में एक पिटिशन दायर करने के लिए वह अपने बेटे के साथ कुछ दिन पहले दिल्ली आए थे.

वह चाणक्यपुरी स्थित नेहरू पार्क के पास इनोवा गाड़ी में रहते थे. इसी गाड़ी में वह दिन भर रहते थे और रात को उसी में सो जाते थे. वह हेलमेट पहनकर गाड़ी में बैठते थे. बताया जाता है कि उन्हें ऐसा लगता था कि आस-पास की बिल्डिंग या होटल अगर गिरेगा तो उनकी मौत हो सकती है. यही वजह है कि वह होटल में नहीं ठहरे थे. वह लगभग 7 दिन तक नेहरू पार्क के पास उसी गाड़ी में अपने बेटे के साथ रहे.

पीएम से मांगी थी सुरक्षा

इसकी जानकारी चाणक्यपुरी पुलिस को जब लगी तो वह तुरंत उन्हें थाने ले गई, जहां पर उनसे पूछताछ की गई. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह एक वैज्ञानिक हैं. वह 2012 में अमेरिका गए थे. उन्हें लगता है कि अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने उनके शरीर में चिप डाल दी है. इसकी वजह से उनके शरीर में परेशानियां होती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से सुरक्षा मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसके चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वह दिल्ली आ गए.

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सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक से स्पेशल सेल एवं खुफिया विभाग द्वारा भी पूछताछ की गई. लेकिन इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया. दिल्ली पुलिस का मानना है कि मानसिक तौर पर उनकी हालत ठीक नहीं है. इसके चलते चेन्नई से उनके परिवार को बुलाया गया. फिलहाल पिता-पुत्र को उनके परिवार को सौंप दिया गया है. पुलिस ने फिलहाल इस घटना को लेकर कोई केस दर्ज नहीं किया है.

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