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Manipur Violence Case : SC ने CBI जांच वाले मामलों को असम स्थानांतरित किया, ऑनलाइन होगी सुनवाई - CBI cases pertaining to Manipur violence to Assam

शीर्ष अदालत ने 21 अगस्त को मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास की निगरानी के लिए न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति नियुक्त की थी. मणिपुर में 10 से अधिक मामले सीबीआई को स्थानांतरित किये गये हैं. इनमें दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामला भी शामिल है, जिनका दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 25, 2023, 12:56 PM IST

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर हिंसा के जिन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है, उनकी सुनवाई पड़ोसी राज्य असम में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से एक या अधिक न्यायिक अधिकारियों को नामित करने को कहा है. ताकि मामलों की सुनवाई हो सके.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कई निर्देश पारित करते हुए कहा कि आरोपियों की पेशी, रिमांड, न्यायिक हिरासत और इसके विस्तार से संबंधित न्यायिक प्रक्रियाएं गौहाटी में एक निर्दिष्ट अदालत में ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी. इसमें कहा गया है कि आरोपी की न्यायिक हिरासत मणिपुर में की जायेगी. ताकि आरोपियों के परिवहन में कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.

पीठ ने सीबीआई को ट्रांसफर किये गये मामलों से संबंधित पीड़ितों, गवाहों और अन्य लोगों को ऑनलाइन उपस्थित नहीं होने की इच्छा रखने वाले लोगों को अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होने की भी अनुमति दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को गौहाटी अदालत में ऑनलाइन मोड के माध्यम से सीबीआई मामलों की सुनवाई की सुविधा के लिए उचित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया.

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यह देखते हुए कि कई मणिपुर निवासियों ने जातीय संघर्ष में अपने पहचान दस्तावेज खो दिए हैं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल ने शीर्ष अदालत से राज्य सरकार और यूआईडीएआई सहित अन्य को आधार कार्ड सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित करने का आग्रह किया है. पैनल ने अपनी कार्यप्रणाली को सुविधाजनक बनाने के लिए पहचान दस्तावेजों के पुनर्निर्माण, मुआवजे के उन्नयन और डोमेन विशेषज्ञों की नियुक्ति की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तीन रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं.

(पीटीआई)

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर हिंसा के जिन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है, उनकी सुनवाई पड़ोसी राज्य असम में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से एक या अधिक न्यायिक अधिकारियों को नामित करने को कहा है. ताकि मामलों की सुनवाई हो सके.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कई निर्देश पारित करते हुए कहा कि आरोपियों की पेशी, रिमांड, न्यायिक हिरासत और इसके विस्तार से संबंधित न्यायिक प्रक्रियाएं गौहाटी में एक निर्दिष्ट अदालत में ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी. इसमें कहा गया है कि आरोपी की न्यायिक हिरासत मणिपुर में की जायेगी. ताकि आरोपियों के परिवहन में कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.

पीठ ने सीबीआई को ट्रांसफर किये गये मामलों से संबंधित पीड़ितों, गवाहों और अन्य लोगों को ऑनलाइन उपस्थित नहीं होने की इच्छा रखने वाले लोगों को अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होने की भी अनुमति दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को गौहाटी अदालत में ऑनलाइन मोड के माध्यम से सीबीआई मामलों की सुनवाई की सुविधा के लिए उचित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया.

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यह देखते हुए कि कई मणिपुर निवासियों ने जातीय संघर्ष में अपने पहचान दस्तावेज खो दिए हैं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल ने शीर्ष अदालत से राज्य सरकार और यूआईडीएआई सहित अन्य को आधार कार्ड सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित करने का आग्रह किया है. पैनल ने अपनी कार्यप्रणाली को सुविधाजनक बनाने के लिए पहचान दस्तावेजों के पुनर्निर्माण, मुआवजे के उन्नयन और डोमेन विशेषज्ञों की नियुक्ति की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तीन रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं.

(पीटीआई)

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