ETV Bharat / bharat

साईबाबा की रिहाई के खिलाफ महाराष्ट्र की अपील पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगा SC

माओवादियों से संपर्क के मामले में प्रोफेसर जीएन साईबाबा को रिहा करने के बंबई हाई कोर्ट ( Bombay High Court) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) 17 जनवरी को सुनवाई करेगा. कोर्ट यह सुनवाई महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर करेगा.

Supreme court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Dec 8, 2022, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : माओवादियों से संपर्क मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा (GN Saibaba) को रिहा करने के बंबई उच्च न्यायालय ( Bombay High Court) के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय (Supreme court) 17 जनवरी 2023 को सुनवाई करेगा.

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पक्षकारों को मामले में दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुपालन के साथ 10 खंडों वाले रिकॉर्ड पर पूरे साक्ष्य एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएंगे.

बता दें कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित अन्य को माओवादियों से कथित संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया था. अदालत ने साईबाबा और अन्य को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था.

ये भी पढ़ें - केंद्र से बोला सुप्रीम कोर्ट, 'कॉलेजियम देश का कानून है, जिसका पालन किया जाना चाहिए'

नई दिल्ली : माओवादियों से संपर्क मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा (GN Saibaba) को रिहा करने के बंबई उच्च न्यायालय ( Bombay High Court) के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय (Supreme court) 17 जनवरी 2023 को सुनवाई करेगा.

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पक्षकारों को मामले में दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुपालन के साथ 10 खंडों वाले रिकॉर्ड पर पूरे साक्ष्य एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएंगे.

बता दें कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित अन्य को माओवादियों से कथित संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया था. अदालत ने साईबाबा और अन्य को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था.

ये भी पढ़ें - केंद्र से बोला सुप्रीम कोर्ट, 'कॉलेजियम देश का कानून है, जिसका पालन किया जाना चाहिए'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.