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आईटी नियम : केंद्र सरकार को झटका, हाईकोर्ट में जारी रहेगी सुनवाई - setback to centre new it rules in SC

नए आईटी नियमों पर विवाद जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन नियमों को चुनौती देने वाली अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल सभी याचिकाओं को क्लब करने का निर्देश दिया है. हालांकि कोर्ट ने हाईकोर्ट में जारी याचिकाओं पर चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार के लिए यह असहज करने वाला फैसला है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 9, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 4:32 PM IST

हैदराबाद : नए आईटी कानून पर केंद्र सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार को तत्काल राहत देने से भी इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने अपील की थी कि अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर चलने वाली सुनवाई रोक दी जाए. हालांकि, कोर्ट इस बार पर सहमत हो गई कि संबंधित सभी याचिकाओं को क्लब कर दिया जाए.

केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं के स्थानान्तरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा.

न्यायमूर्ति एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने स्थानान्तरण याचिका को स्पेशल लीव पिटीशन के साथ टैग कर दिया.

केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 की वैधता पर प्रक्रियाओं की बहुलता और भिन्न न्यायिक विचारों से बचने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल सभी रिट याचिकाओं को वापस ले लिया जाए और इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर इसकी सुनवाई अलग-अलग हाईकोर्ट में हुई, क्योंकि ये सभी एक ही तरह की याचिका है, लिहाजा एक ही मामले पर अलग-अलग निर्देश और राय सामने आ सकती है. और ऐसा हुआ, तो यह बहुत ही अजीबो-गरीब मामला हो जाएगा.

दिल्ली, बॉम्बई, मद्रास और केरल हाईकोर्ट में पहले से ही याचिका दाखिल हो चुकी है. केंद्र सरकार ने स्थानान्तरण के लिए अप्रैल में याचिका लगाई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट में पांच जुलाई को न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अगुआई वाली पीठ ने इससे संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका अमित आचार्य नाम के एक व्यक्ति ने दाखिल की थी. उन्होंने गाजियाबाद के एक वीडियो को लेकर शिकायत की थी. याचिका में आईटी नियम 2021 के नियम 4 के तहत शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के लिए ट्विटर को निर्देश देने की मांग की गई है.

फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लि. तथा आल्ट न्यूज की मूल कंपनी प्रावदा मीडिया ने इस आधार पर हाईकोर्ट से स्थगन की मांग की थी कि उन्हें नियमों के अनुपालन के लिए नया नोटिस जारी किया गया है या फिर उन्हें जबरिया कार्रवाई को तैयार रहने को कहा गया है.

मद्रास हाईकोर्ट ने 23 जून को नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

इसी साल मार्च में केरल हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों की वैधता पर केंद्र से जवाब से मांगा था.

ट्विटर ने गत सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह नए आईटी नियमों के तहत एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक अंतरिम स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के अंतिम चरण में है. कंपनी ने कहा कि इस बीच एक शिकायत अधिकारी भारतीय उपभोक्ताओं की शिकायतें देख रहा है.

हैदराबाद : नए आईटी कानून पर केंद्र सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार को तत्काल राहत देने से भी इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने अपील की थी कि अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर चलने वाली सुनवाई रोक दी जाए. हालांकि, कोर्ट इस बार पर सहमत हो गई कि संबंधित सभी याचिकाओं को क्लब कर दिया जाए.

केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं के स्थानान्तरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा.

न्यायमूर्ति एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने स्थानान्तरण याचिका को स्पेशल लीव पिटीशन के साथ टैग कर दिया.

केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 की वैधता पर प्रक्रियाओं की बहुलता और भिन्न न्यायिक विचारों से बचने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल सभी रिट याचिकाओं को वापस ले लिया जाए और इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर इसकी सुनवाई अलग-अलग हाईकोर्ट में हुई, क्योंकि ये सभी एक ही तरह की याचिका है, लिहाजा एक ही मामले पर अलग-अलग निर्देश और राय सामने आ सकती है. और ऐसा हुआ, तो यह बहुत ही अजीबो-गरीब मामला हो जाएगा.

दिल्ली, बॉम्बई, मद्रास और केरल हाईकोर्ट में पहले से ही याचिका दाखिल हो चुकी है. केंद्र सरकार ने स्थानान्तरण के लिए अप्रैल में याचिका लगाई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट में पांच जुलाई को न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अगुआई वाली पीठ ने इससे संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका अमित आचार्य नाम के एक व्यक्ति ने दाखिल की थी. उन्होंने गाजियाबाद के एक वीडियो को लेकर शिकायत की थी. याचिका में आईटी नियम 2021 के नियम 4 के तहत शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के लिए ट्विटर को निर्देश देने की मांग की गई है.

फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लि. तथा आल्ट न्यूज की मूल कंपनी प्रावदा मीडिया ने इस आधार पर हाईकोर्ट से स्थगन की मांग की थी कि उन्हें नियमों के अनुपालन के लिए नया नोटिस जारी किया गया है या फिर उन्हें जबरिया कार्रवाई को तैयार रहने को कहा गया है.

मद्रास हाईकोर्ट ने 23 जून को नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

इसी साल मार्च में केरल हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों की वैधता पर केंद्र से जवाब से मांगा था.

ट्विटर ने गत सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह नए आईटी नियमों के तहत एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक अंतरिम स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के अंतिम चरण में है. कंपनी ने कहा कि इस बीच एक शिकायत अधिकारी भारतीय उपभोक्ताओं की शिकायतें देख रहा है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 4:32 PM IST
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