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ट्रैक्टर परेड हिंसा : विवादित ट्वीट मामले में थरूर व अन्य की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

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Published : Feb 9, 2021, 12:19 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 12:37 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, लेखिका मृणाल पांडे समेत कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. मामला 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में विवादित ट्वीट करने का है.

थरूर व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक
थरूर व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर व अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इन लोगों पर विगत 26 जनवरी के दिन हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान एक किसान की मौत के बारे में ट्वीट करने के बाद याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन लोगों के ट्वीट किसान की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हैं. मंगलवार को संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करते हुए थरूर समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश पारित किया.

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरा सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया इस मामले की सुनवाई कल की जाए. इस पर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बोबडे ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं.

बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस बीच कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करने की अपील करते हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि कुछ नहीं होने वाला है.

सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ से खुद की रक्षा करने की अपील की, जिस पर सीजेआई ने पूछा, कि खतरा कहां है ? इस पर सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी दिल्ली में आकर मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं.

इस पर सीजेआई ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि क्या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जा रही है?

सीजेआई के सवाल पर सॉलिसीटर जनरल ने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया. इस पर सीजेआई ने कहा कि मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी, इस बीच गिरफ्तारी पर रोक रहेगी.

इसके बाद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे यह सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा देंगे. इस पर सीजेआई ने मेहता से सवाल किया कि क्या वे आप केवल एक राज्य (उत्तर प्रदेश) के लिए पैरवी कर रहे हैं. जवाब में मेहता ने कहा कि वे दिल्ली पुलिस की ओर से भी पेश हो रहे हैं.

गौरतलब है कि इस मामले में कारवां मैगजीन के संपादक की ओर से मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में, मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई. कुछ भी नहीं हुआ. किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हुईं हैं. हमने रिपोर्ट बनाई कि किसी की मौत हुई है, लेकिन हमने इसे भी ठीक कर दिया.

इस पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन ट्वीट्स की रिपोर्टों का भयावह प्रभाव था. इसके बाद सीजेआई बोबडे ने कहा कि आप अगली सुनवाई में बहस कर सकते हैं. मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी.

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर व अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इन लोगों पर विगत 26 जनवरी के दिन हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान एक किसान की मौत के बारे में ट्वीट करने के बाद याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन लोगों के ट्वीट किसान की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हैं. मंगलवार को संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करते हुए थरूर समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश पारित किया.

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरा सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया इस मामले की सुनवाई कल की जाए. इस पर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बोबडे ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं.

बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस बीच कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करने की अपील करते हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि कुछ नहीं होने वाला है.

सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ से खुद की रक्षा करने की अपील की, जिस पर सीजेआई ने पूछा, कि खतरा कहां है ? इस पर सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी दिल्ली में आकर मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं.

इस पर सीजेआई ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि क्या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जा रही है?

सीजेआई के सवाल पर सॉलिसीटर जनरल ने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया. इस पर सीजेआई ने कहा कि मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी, इस बीच गिरफ्तारी पर रोक रहेगी.

इसके बाद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे यह सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा देंगे. इस पर सीजेआई ने मेहता से सवाल किया कि क्या वे आप केवल एक राज्य (उत्तर प्रदेश) के लिए पैरवी कर रहे हैं. जवाब में मेहता ने कहा कि वे दिल्ली पुलिस की ओर से भी पेश हो रहे हैं.

गौरतलब है कि इस मामले में कारवां मैगजीन के संपादक की ओर से मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में, मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई. कुछ भी नहीं हुआ. किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हुईं हैं. हमने रिपोर्ट बनाई कि किसी की मौत हुई है, लेकिन हमने इसे भी ठीक कर दिया.

इस पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन ट्वीट्स की रिपोर्टों का भयावह प्रभाव था. इसके बाद सीजेआई बोबडे ने कहा कि आप अगली सुनवाई में बहस कर सकते हैं. मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी.

Last Updated : Feb 9, 2021, 12:37 PM IST
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