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NEET में ओबीसी व ईडब्ल्यूएस के लिए कोटा व्यवस्था के खिलाफ याचिका पर केंद्र, एमसीसी से जवाब तलब - Justice B V Nagarathna

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (justices D Y Chandrachud) और जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) की पीठ यहां इससे संबंधित आठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा कि वर्तमान याचिका को इसी तरह की याचिका के साथ टैग किया जाएगा जो पहले इसी मुद्दे को उठाते हुए दायर की गई थी.

उच्चतम न्यायालय
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Published : Sep 17, 2021, 8:02 PM IST

नई दिल्ली : NEET प्रवेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class- OBC) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section-EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और एमसीसी से जवाब मांगा है.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (justices D Y Chandrachud) और जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) की पीठ यहां इससे संबंधित आठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा कि वर्तमान याचिका को इसी तरह की याचिका के साथ टैग किया जाएगा जो पहले इसी मुद्दे को उठाते हुए दायर की गई थी.

पढ़ें : देश के आठ उच्च न्यायालयों को मिलेंगे चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफारिश

अदालत में दायर ताजा याचिका के अधिवक्ता विवेक सिंह ने कहा कि 29 जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल (PG Medical) और दंत चिकित्सा (Dental) पाठ्यक्रम के लिए अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है.

इस नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पीजी मेडिकल कोर्स में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रयास स्पष्ट रूप से शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानून के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि इससे पीजी मेडिकल कोर्स के लिए आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के छात्रों की संख्या कम हो जाएगी. चूंकि, पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए सीटों की संख्या सीमित है, ऐसे में आरक्षण के आधार पर सीटें प्रदान करना मेधावी उम्मीदवारों को अवसर से वंचित करना होगा.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : NEET प्रवेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class- OBC) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section-EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और एमसीसी से जवाब मांगा है.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (justices D Y Chandrachud) और जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) की पीठ यहां इससे संबंधित आठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा कि वर्तमान याचिका को इसी तरह की याचिका के साथ टैग किया जाएगा जो पहले इसी मुद्दे को उठाते हुए दायर की गई थी.

पढ़ें : देश के आठ उच्च न्यायालयों को मिलेंगे चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफारिश

अदालत में दायर ताजा याचिका के अधिवक्ता विवेक सिंह ने कहा कि 29 जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल (PG Medical) और दंत चिकित्सा (Dental) पाठ्यक्रम के लिए अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है.

इस नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पीजी मेडिकल कोर्स में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रयास स्पष्ट रूप से शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानून के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि इससे पीजी मेडिकल कोर्स के लिए आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के छात्रों की संख्या कम हो जाएगी. चूंकि, पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए सीटों की संख्या सीमित है, ऐसे में आरक्षण के आधार पर सीटें प्रदान करना मेधावी उम्मीदवारों को अवसर से वंचित करना होगा.

(पीटीआई)

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